स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: शनि देव महाराज को सूर्य देव और माता छाया का पुत्र कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिस पर शनि की छाया पड़ जाती है। उसका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप बहुत अधिक होता है। इसीलिए शनिदेव की पूजा करके, शनि को प्रसन्न करके आप आने वाले कष्टों से मुक्त हो सकते हैं और शनि की कुदृष्टि से बच सकते हैं।
प्रातः काल सुबह 7:00 बजे से ही सर्वार्थ सिद्धि योग होने के कारण सुबह-सुबह किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके या घर पर ही गंगाजल डालकर स्नान करके शनिदेव के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होगा। इस दिन शनि देव को सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शनि देव को काला रंग अत्यधिक प्रिय है। इसलिए शनि जयंती के दिन काला तिल, छाता, काला या नीला वस्त्र, लोहा, स्टील के बर्तन, जूता, चप्पल आदि का दान करने से भगवान शनि की कृपा प्राप्त होती है।