टोनी आलम, एएनएम न्यूज: दुर्गापुर के इस्कॉन में मंगलवार को जगन्नाथ देव का स्नानोत्सव धूमधाम से मनाया गया। दूर-दूर से आए भक्तों का जमावड़ा देखा गया। पुरी के जगन्नाथ देव के स्नान करने के बाद कंपकंपी के साथ बुखार आता है। हालांकि भारी भीड़ के कारण पुरी में जगन्नाथदेव को स्नान करने का मौका नहीं मिलता, लेकिन हर कोई इस्कॉन में जगन्नाथदेव को स्नान करा सकता है। स्नान के बाद जगन्नाथ देव कंबल ओढ़कर लेट जाते हैं। यह सौंदर्य प्रसाधनों का समय है। इस समय जगन्नाथ देव को हर्बल रंग से रंगा गया है। गर्भगृह का दरवाजा बंद रहता है। कबीराज की दवा को खाने से बुखार उतर जाए तो नव यौवन का पर्व होता है। तब जगन्नाथ बलराम सुभद्रा एक रथ पर अपनी मौसी के घर के लिए निकल पड़ते हैं। जगन्नाथ को दुर्गापुर के इस्कॉन से रथ पर सवार होकर दुर्गापुर के चतुरंगा मैदान में अपनी मौसी के घर लाया जाता है। अभी से अंतिम तैयारियां शुरू हो गई हैं।