स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू हो रहा है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और शिव भक्तों को इस महीने का खास इंतजार रहता है। सावन के महीने में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है। कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त पवित्र गंगा नदी से जल भरकर लाते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।
एक तरफ माना जाता है कि सबले पहले श्रवण कुमार ने त्रेता युग में कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी । वह अपने दृष्टिहीन माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराते समय जब वह हिमाचल के ऊना में थे तब उनसे उनके माता-पिता ने हरिद्वार में गंगा स्नान करने की इच्छा के बारे में बताया। उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए श्रवण कुमार ने उन्हें कांवड़ में बैठाया और हरिद्वार लाकर गंगा स्नान कराए। इस दौरान वहां से वह अपने साथ गंगाजल भी लाए। माना जाता है तभी से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई। दूसरी तरफ यह भी माना जाता है कि कावडॉ़ यात्रा की शुरुआत समुद्र मंथन के समय हुई थी। मंथन से निकले विष को पीने की वजह से शिव जी का कंठ नीला पड़ गया था , इसी के साथ विष का बुरा असर भी शिव पर पड़ा था। विष के प्रभाव को दूर करने के लिए शिवभक्त रावणव ने तप किया और इसके बाद दशानन कांवड़ में जल भरकर लाया। इस के बाद शिवजी का जलाभिषेक किया और इस से शिव जी विष के प्रभाव से मुक्त हुए।