स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: देश के जंगलों में एक बार फिर चीते को देखा जाएगा। इसके लिए 15 अगस्त से पहले नामीबिया से चीते लाने की तैयारी है। इन्हें मध्य प्रदेश में बने कूनो पालपुर नैशनल पार्क में छोड़ा जाएगा। इन चीतों को नामीबिया से लाने की राह लखनऊ में हुए एक शोध ने खोली है। बीरबल साहनी पुरा विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. नीरज राय के इस शोध में भारतीय चीतों और अफ्रीकन चीतों की जेनेटिक संरचना में काफी समानताएं मिली थीं। दो साल पहले प्रकाशित इस शोध को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने भी सराहा था। डॉ. नीरज रायने बताया कि देश में साल 1947 तक चीतों की पुष्टि हुई। साल 1948 के बाद चीते पूरी तरह विलुप्त हो गए। साल 1947 में आखिर तक तीन चीते थे, जिनका शिकार कर उन्हें मार दिया गया।