एएनएम न्यूज, ब्यूरो: भारत की विदेश नीति एक बड़ी परीक्षा में उलझी हुई है। दुनिया के चौधरी’ अमेरिका को दो पक्षों की लड़ाई में दाल-भात में मूसलचंद कहें या विश्व शांति को खतरे में डालकर भी फायदा उठाने और स्वार्थ साधने का उसका लाइलाज मर्ज कहें, तो चीन की विस्तारवादी नीति दुनिया के लिए कुछ कम अंदेशे नहीं पैदा करती।
15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारतीय सेना से भीषण संघर्ष के बाद वार्ताओं के अनेक दौरों के बावजूद वह एलएसी के पास पक्के निर्माण करने से तो बाज नहीं ही आ रहा, सीमा पर अतिक्रमण कर नये गांव भी बसा ले रहा है। साथ ही अपने कर्ज के बोझ तले दबे श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह का इस्तेमाल करके भी वह भारत की चुनातियां बढ़ा ही रहा है।