ईडी क्या करती है जब्त की गई नकदी का?

author-image
New Update
ईडी क्या करती है जब्त की गई नकदी का?

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नकदी की जब्तीकरण की कार्रवाई करती है। यहां बता दें कि भले ही वित्तीय जांच एजेंसी के पास रुपयों को जब्त करने की अनुमति है, लेकिन वह हमेशा के लिए इन रुपयों को अपने पास नहीं रख सकते। प्रोटोकॉल के अनुसार, जब भी एजेंसी नकदी की वसूली करती है तो आरोपी को रुपयों का स्रोत बताने और समझाने का मौका दिया जाता है, अगर आरोपी के सबूतों से एजेंसी सहमत हो जाती है तब तो ठीक है वहीं अगर एजेंसी सहमत नहीं होती तो नकदी को बेहिसाब नकद और गलत तरीके से अर्जित धन के रूप में माना जाता है।

इसके बाद, ईडी भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों को बरामद रकम की गिनती करने के लिए बुलाती है। इस दौरान नोट गिनने की मशीन की मदद से नोटों की गिनती खत्म होने के बाद ईडी के अधिकारी बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में जब्ती सूची तैयार करते हैं। इसमें बरामद रकम की पूरी गिनती, नोटों की संख्या, किस मूल्य की कितनी नोट हैं इसका विवरण आदि शामिल है। इसके बाद गवाहों की उपस्थिति में इन नोटों को बक्से में सील करने के बाद भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में भेज दिया जाता है, जहां इसे प्रवर्तन निदेशालय के व्यक्तिगत जमा (पीडी) खाते के तहत जमा किया जाता है।

हालांकि, जब्त किए गए पैसे का इस्तेमाल प्रवर्तन निदेशालय, बैंक या सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है। एजेंसी एक अंतिम कुर्की आदेश तैयार करती है और जारी करती है। कुर्की की पुष्टि करने के लिए मामला अदालत के सामने जाता है। इसके बाद मुकदमा समाप्त होने तक पैसा बैंक में पड़ा रहता है। इसके बाद यदि आरोपी को दोषी ठहराया जाता है, तो नकद राशि केंद्र की संपत्ति बन जाती है और यदि आरोपी को अदालत द्वारा बरी कर दिया जाता है, तो नकद राशि वापस कर दी जाती है।