स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बहुत सालों बाद इस तरह का संयोग जन्माष्टमी के पावन पर्व पर बन रहा है। निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ के अनुसार ऐसा संयोग जब जन्माष्टमी पर बनता है, तो इस खास मौके को ऐसे ही गवाना नहीं चाहिए। अगर आप इस तरह के संयोग में व्रत करते हैं तो 3 जन्मों के जाने-अनजाने हुए पापों से मुक्ति मिलती है। जो लोग इस संयोग में व्रत रखेंगे तो व्रत करने से प्रेत योनी में भटक रहे पूर्वजों को भी मनुष्य व्रत के प्रभाव से मुक्त करवा लेता है।