स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आदिवासी इलाकों में कांग्रेस हमेशा से मजबूत रही है। ग्रामीण मतदाताओं के बीच पुराने दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की पकड़ का असर आज तक महसूस किया जा रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने जिन सीटों पर सफलता हासिल की थी, उनमें ग्रामीण क्षेत्रों की आदिवासी बहुल इलाकों की सीटें ही सबसे ज्यादा थी। लेकिन एक रणनीति के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी मतदाताओं के बीच पैठ बनाने की कोशिश की है। राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू को अवसर देना और केवड़िया में सरदार पटेल की एकता मूर्ति की स्थापना को उनकी इस कोशिश से जोड़कर देखा जाता है। गुजरात की राजनीति के जानकार बताते हैं कि 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' की स्थापना के बाद इन आदिवासी इलाकों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े-बड़े होटल घरानों ने अपने होटल स्थापित करने शुरू कर दिए हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा हो रहा है और इस क्षेत्र में विकास की नई संभावनाओं को बल मिला है।