स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: मणिपुर के इंफाल से करीब 45 किलोमीटर दूर है एक छोटी सी जगह मोइरांग। यह नाम आज भी ज़्यादातर भारतीयों के लिए अपरिचित होगा लेकिन एक वक्त था जब इस जगह ने भारत की आज़ादी की लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज़ादी से पहले मोइरांग ही वह जगह थी जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस के द्वारा संगठित की गई भारतीय आजाद हिंद फ़ौज (आईएनए) का मुख्यालय हुआ करता था। यह सेना दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश इंडियन आर्मी के द्वारा बंदी बनाए गए युवकों ने मिलकर बनाई जिसके कमांडर सुभास चंद्र बोसे थे। सेना में बर्मा, सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों में रह रहे भारतीय नागरिकों ने भी शामिल होकर अपनी हिस्सेदारी पेश की ओर भारत की आज़ादी के लिए बढ़- चढ़ कर अपना योगदान दिया। आज इस जगह को आईएनए मेमोरियल कॉम्प्लेक्स नाम से जाना जाता है। यहाँ आईएनए वार मेमोरियल भी है जिसका उद्घाटन 23 सितंबर 1969 को किया गया था।