स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: जिन दवाओं को कोरोना उपचार में सफल माना जा रहा था और उन्हें कोविड प्रोटोकॉल में शामिल तक किया गया, उनमें से कोई भी असरदार नहीं है। एक फार्मा रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो साल में लोगों ने ऐसी 500 करोड़ रुपये की दवाओं का सेवन भी किया। जबकि, इनमें से कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव ब्लैक फंगस के रूप में पूरे देश ने देखा। देशभर के एक्सीलेंस सेंटर को कोविड उपचार के बारे में जानकारी देते हुए एम्स के डॉ. अचल कुमार ने मंगलवार को कहा कि दो वर्षों में न सिर्फ कोरोना मरीज, बल्कि संक्रमण से बचने के लिए भी लोगों ने 2डीजी, फेविपिराविर, आइवरमेक्टिन और एचसीक्यू जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया है। ये दवाएं कोविड के माइल्ड या फिर अस्पताल में भर्ती रोगियों पर असरदार नहीं हैं।