आसनसोल बड़ा दिघारी सिस्टर निवेदिता एकेडमी में मनाई गई विद्यासागर जयंती(Video)

आज 26 सितंबर 2024 को आसनसोल बड़ा दीघारी सिस्टर निवेदिता अकादमी के सभी छात्रों और शिक्षकों ने शिक्षाविद् एवं समाजसेवी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उनकी 205वीं जयंती मनाई।

author-image
Jagganath Mondal
एडिट
New Update
vidasagar jayanti 26

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: आज 26 सितंबर 2024 को आसनसोल बड़ा दीघारी सिस्टर निवेदिता अकादमी के सभी छात्रों और शिक्षकों ने शिक्षाविद् एवं समाजसेवी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उनकी 205वीं जयंती मनाई। इस दौरान अकादमी के एक शिक्षक ने अकादमी के छात्रों को ईश्वर चंद्र विद्यासागर के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपुर्ण बाते बताई। 

उन्होंने कहा कि, "ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर 1820 को पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बिरसिंहा गांव में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में ठाकुरदास बंद्योपाध्याय और भगवती देवी के घर हुआ था। ईश्वर चन्द्र विद्यासागर (26 सितम्बर 1820 – 29 जुलाई 1891) उन्नीसवीं शताब्दी के बंगाल के प्रसिद्ध दार्शनिक, शिक्षाविद, समाज सुधारक, लेखक, अनुवादक, मुद्रक, प्रकाशक, उद्यमी और परोपकारी व्यक्ति थे।

वे बंगाल के पुनर्जागरण के स्तम्भों में से एक थे। उनके बचपन का नाम ईश्वर चन्द्र बन्द्योपाध्याय था। संस्कृत भाषा और दर्शन में अगाध पाण्डित्य के कारण विद्यार्थी जीवन में ही संस्कृत कॉलेज ने उन्हें 'विद्यासागर' की उपाधि प्रदान की थी। वे नारी शिक्षा के समर्थक थे। उनके प्रयास से ही कलकत्ता में एवं अन्य स्थानों में बहुत अधिक बालिका विद्यालयों की स्थापना हुई। बांग्ला भाषा के गद्य को सरल एवं आधुनिक बनाने का उनका कार्य सदा याद किया जायेगा। उन्होने बांग्ला लिपि के वर्णमाला को भी सरल एवं तर्कसम्मत बनाया। बँगला पढ़ाने के लिए उन्होंने सैकड़ों विद्यालय स्थापित किए तथा रात्रि पाठशालाओं की भी व्यवस्था की।