एएनएम न्यूज़ पर एक्सक्लूसिव : 400 साल पुरानी नियामतपुर गाँव की माँ काली निरंजन (Video)

माँ को कभी श्यामा के रूप में, कभी शमशंकाली या श्वेतकाली के रूप में, कभी बोडो माँ के रूप में पूजा जाता है। यहां आप जो दृश्य देख रहे हैं वह आसनसोल के कुल्टी थाना अंतर्गत नियामतपुर गांव में 400 साल पुरानी काली पूजा की निरंजन की रात है।

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Jagganath Mondal
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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: दुर्गा पूजा के बाद बंगाली इस समय महाकाली की पूजा में व्यस्त हैं। माँ को कभी श्यामा के रूप में, कभी शमशंकाली या श्वेतकाली के रूप में, कभी बोडो माँ के रूप में पूजा जाता है। यहां आप जो दृश्य देख रहे हैं वह आसनसोल के कुल्टी थाना अंतर्गत नियामतपुर गांव में 400 साल पुरानी काली पूजा की निरंजन की रात है।

माँ यहां पांचमुण्ड पर हैं, इसलिए कहा जाता है कि यहां महिलाओं का पुष्पांजलि देना वर्जित है। यह भी कहा जाता है कि माँ की पूजा काशीपुर के राजा करते थे। माँ के बारे में कई लोगों से तरह-तरह की कहानियां सुनने को मिलती हैं लेकिन नई पीढ़ी के लिए यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि कौन सा सही है। वही माँ की पूजा और निरंजन सभी को आकर्षित करता हैं। जिस प्रकार पूजा के दौरान नियामतपुर गांव की राजराजेश्वरी स्वयं अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं, ठीक उसी प्रकार निरंजन के दौरान माँ काली अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं। देखें वह वीडियो।