संकटमोचक बन आसनसोल पुलिस ने नवजात की बचाई जान (Video)

वह अपनी जन्म देने वाली माँ की गोद पाने के लिये उसके दूध से अपना भूख मिटाने के लिये अपनी नन्ही सी जान बचाने के लिये दहाड़े लगा -लगाकर रो रहा है, पर अफ़सोस उसकी आवाज सुनने वाला ना तो उसकी माँ है और ना ही उसके पिता ना उसके कोई रिस्तेदार

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Sneha Singh
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saved the life of a newborn

एएनएम न्यूज़ ब्यूरो: आसनसोल, पश्चिम बंगाल (West Bengal) आसनसोल नॉर्थ थाना पुलिस आसनसोल रेलवे स्टेशन (Asansol Railway Station) के सात नंबर प्लेटफार्म (platform) इलाके मे स्थित रेलवे यार्ड के जंगलों मे फेंके गए एक नवजात बच्चे के लिये देव दूत बनकर सामने आई है, मौके पर मौजूद मुमताज़ आलम (mumtaz alam) की अगर माने तो उनका छोटा भाई बकरी चराने के लिये यार्ड मे गया था, जहाँ उसने झाड़ियों से बच्चे की रोने की आवाज सुनी जिसके बाद वह बच्चे की रोने की आवाज सुनकर जब झाड़ियों के पास पहुँचा तो वहाँ उसने देखा की एक ब्लु रंग के कपड़े मे एक मासूम नवजात बच्चा जिसके अभी दूध के दाँत भी नही जमे उसको किसी ने फेंक दिया है।

वह अपनी जन्म देने वाली माँ की गोद पाने के लिये उसके दूध से अपना भूख मिटाने के लिये अपनी नन्ही सी जान बचाने के लिये दहाड़े लगा -लगाकर रो रहा है, पर अफ़सोस उसकी आवाज सुनने वाला ना तो उसकी माँ है और ना ही उसके पिता ना उसके कोई रिस्तेदार। वहीं मुमताज़ ने यह भी बताया की उसके भाई ने झाड़ियों मे मिले नवजात बच्चे की खबर तुरंत उसको दी जिसके बाद मुमताज़ ने अपने भाई को उस नवजात बच्चे को हाँथ नही लगाने की हिदायत देते हुए कहा की वह पुलिस से संपर्क साध रहा है और वह मौके पर पुलिस भेज रहा है, जिसके बाद मुमताज़ ने तुरंत घटना की जानकारी नॉर्थ थाना पुलिस को दी जिस जानकारी के आधार पर नॉर्थ थाना प्रभारी तनमय राय, जाहंगीरी मोहल्ला पुलिस फाड़ी आई. सी. सुसोवन बैनर्जी, एस. आई नजरुल हौदा मौके पर पहुँचे और झाड़ियों मे अपनी जन्म देने वाली माँ की ममता को पाने के लिये भूख से बिलख-बिलख कर रो रहे नवजात मासूम बच्चे को उठाकर आसनसोल जिला अस्पताल (Asansol district hospital) ले गए। 

जहाँ उन्होंने चाइल्ड वार्ड मे स्थिति नवजात बच्चे को आईसीयु मे भर्ती करवा दिया है, जहाँ बच्चे की अच्छे से साफ -सफाई कर उसे जरुरी व पोस्टिक दवाएं समय -समय पर दी जा रही हैं, वह इस लिए की नवजात बच्चे को तंदरुस्त रखा जा सके चिकित्सक की अगर माने तो बचा अभी फिलहाल दो किलो पाँच सौ ग्राम का है और चिकित्सकों की एक दल लगातार नवजात बच्चे पर नजर बनाई हुई है, वहीं जैसे -जैसे संवाद माध्यमों से घटना की जानकारी लोगों तक पहुँच रही है, लोग नवजात बच्चे को अपनाने के लिए पुलिस से फोन के जरिये संपर्क साध बच्चे को अपनाने की लगातार पेसकश कर रहे है।