राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़, कल्यानेश्वरी/सालानपुर: बंगाल-झारखंड सीमा (Bengal-Jharkhand border) पर स्थापित डीवीसी मैथन परियोजना के लेफ्ट बैंक स्थित मैथन हाईडल पनबिजली केंद्र (hydel hydroelectric power) के मुख्य द्वार पर मंगलवार सुबह चेहरा-पहचान बायो-मैट्रिक प्रणाली का उदघाटन डीवीसी मैथन परियोजना प्रमुख अंजनी कुमार दुबे ने किया। उक्त प्रणाली से पनबिजली केंद्र की सुरक्षा के साथ अनाधिकृत प्रवेश पर अंकुश लगेगा साथ ही मुख्य रूप से अनुबंधित श्रमिकों की पहचान के साथ पनबिजली केंद्र में प्रवेश के लिए सहायक होगा।
उक्त प्रणाली ठेकेदार श्रम सूचना प्रबंधन प्रणाली (CLIMS) एक्सेस बे, जो एक स्पर्श रहित चेहरा-पहचान बायो-मीट्रिक प्रणाली (face-recognition bio-metric system) है। उदघाटन समारोह में मुख्य रूप से परियोजना के विभिन्न विभाग के मुख्य अभियंता संजीत सिन्हा, अनिल झा, मधु कांत झा, जयंत बनर्जी, राम स्नेह शर्मा, उप मुख्य अभियंता संजय कुमार, तपन मंडल, सुजीत कुमार के साथ अनूप पुरकायस्थ डीजीएम (प्रशासन) की उपस्थिति में किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में अनूप पुरकायस्थ डीजीएम (Administration) ने इस प्रणाली के विषय एवं इसकी महत्वा पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रबंधक एवं नोडल ऑफिसर तापस राय ने किया। परियोजना प्रमुख ने बताया कि अभी इस प्रणाली को ट्रायल के लिए लगाया गया है। पूरी तरह से त्रुटिहीन रहने के बाद इसे पूर्ण रूप से लागू कर दिया जायेगा।
फिलहाल इस प्रणाली को डीवीसी दुर्गापुर (DVC Durgapur) एवं मेजिया (Mejia) में लगाया गया है। इसके लगने से कैजुअल मजदूरों के भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह से सरल एवं पारदर्शी हो जाएगी। इसमें मजदूरों का आर्थिक शोषण भी बंद हो जाएगा, उनके कार्य के हिसाब से उन्हें पूर्ण भुगतान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा इस प्रणाली में एचआर विभाग, असैनिक विभाग, संचार विभाग, विद्युत विभाग एवं आईटी सेल की सराहनीय भूमिका रही। कार्यक्रम में एचआर प्रबंधक परविन्द कुमार, श्यामली कुमारी सहित कई अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।