टोनी आलम, एएनएम न्यूज़, जामुड़िया: नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती के एकबार फिर से जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद वह कल रात जामुड़िया ब्लॉक 1 तृणमूल कांग्रेस कार्यालय आये। वहां उनको फुलों का गुलदस्ता देकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया गया। इसके बाद वह जामुड़िया के मदनपुर पंचायत के तालतोड़ ग्राम गए। यहां भाजपा नेता अलक दास के नेतृत्व में श्री भागवत गीता का पाठ चल रहा था। "यही पर आलोक दास ने तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नरेन चक्रवर्ती को आमंत्रित किया था"।
तृणमूल जिला अध्यक्ष को आलोक दास के हाथों सम्मानित किया गया, "यहां तक कि भाजपा नेता ने नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। " इसे लेकर "शासक और विपक्ष के बीच विवाद छिड़ गया है कि आलोक दास कौन हैं, तथा किस पार्टी में हैं ? एक समय आलोक दास तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता थे और उस समय उन पर आरोप था कि जामुड़िया में एक निजी फैक्ट्री से जबरन वसूली के आरोप में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। फिर 2021 का विधानसभा चुनाव आया ''वे कई तृणमूल समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने उस समय संवाददाताओं से कहा था कि तृणमूल कांग्रेस में रहकर कोई काम नहीं हो सकता, उन्हें घुटन हो रही थी, इसलिए मैं आज बीजेपी में शामिल हो गया। लेकिन चुनाव के बाद अलोक दास के साथ या उनके दफ्तर में कई तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को देखा गया। बीजेपी नेता अलोक दास ने कल रात फिर से तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष से मुलाकात की। इससे आने वाले लोकसभा चुनाव के पहले उनके फिर से तृणमूल कांग्रेस में आने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस पर विपक्ष ने तंज कसा है। इस बारे में तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने कहा, ''अगर कोई तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को बुलाता है तो मैं वहां जाऊंगा'' और अगर किसी अन्य पार्टी से कोई तृणमूल कांग्रेस में आता है तो वह आ सकता है। इस बारे में अलोक दास ने कहा कि यह न्योता पार्टी की तरफ से नहीं बल्कि समाज के एक व्यक्ति के रूप में दिया गया था।
वहीं, सीपीएम नेता तापस कवि ने कहा कि बीजेपी और तृणमूल का एक घर और एक आंगन है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कुछ लोग बुआ के पास जाते हैं और कुछ चाचा के घर जाते हैं। हालांकि, जामुड़िया के बीजेपी नेता निरंजन सिंह ने कहा कि मैने भी देखा की तृणमूल जिलाध्यक्ष नरेन्द्र चक्रवर्ती आए, लेकिन उन्होने अपने ही पार्टी के चेयरमैन शेख शानदार के कार्यालय की तरफ देखा भी नहीं। वापस आने के क्रम में शायद वो वहां आए। इससे उनकी पार्टी का गुटबाजी साफ दिखता है और रही बात आलोक दास के तृणमूल में जाने की तो वो क्या करेंगे वही इस विषय मे बोल पाएंगे। हां लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं की अब तक मेरी जानकारी के अनुसार वो तृणमूल का झंडा नहीं थामे हैं। तृणमूल के पास नेताओ की कमी हो गई है इसलिए वो उनके पास आ रहे हैं और काली पूजा के मंडप में कोई भी आ सकता है। किसी के भी आने जाने से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता। भाजपा हर हाल में 2024 का चुनाव जीतेगी। बांकुड़ा के भी 2 विधायक गए हैं लेकिन उनकी आज तक हिम्मत नहीं हुई की वो मीडिया के समक्ष ये स्वीकार करें की वो तृणमूल में शामिल हुए हैं और जो गए हैं उनकी स्थिति क्या है। ये किसी से छिपा नहीं की वो छिप छिप कर रो रहे हैं। जनता का आशीर्वाद भाजपा के साथ है, नरेन्द्र मोदी के साथ है।