टोनी आलम, एएनएम न्यूज: राज्य सरकार ने आम लोगों के लाभ के लिए कई विकासमूलक योजनाएं शुरू की हैं। एक समय था जब आम लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों तक पहुंचना पड़ता था। आम लोगों को कभी पंचायत कार्यालय तो कभी बीडीओ कार्यालय दौड़ लगानी पड़ती थी। बूढ़े या जिनके परिवार में कोई कर्मठ व्यक्ति नहीं होता उनको बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उनके लिए सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी कार्यालय में जाना असंभव होता है। जिसके कारण कई लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित रह गए। इस कारण आम लोगों के बारे में सोचते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी परियोजनाओं को लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए दुआरे सरकार' नाम से कार्यक्रम शुरू किया है।
इसका परिणाम है कि लगभग 35 सरकारी परियोजनाओं का लाभ लोगों को अपने घर के सामने ही मिल रहा है। पांडबेश्वर विधानसभा (Pandabeshwar Assembly) के दुर्गापुर फरीदपुर ब्लॉक के गोगला पंचायत क्षेत्र के नुतन डांगा सामुदायिक भवन में आज यानि सोमवार को दुआरे सरकार शिविर (Duare Sarkar camp) का आयोजन किया गया। इस कैंप में सुबह से ही काफी लोग जुटे हुए हैं। इस कैंप से सरकारी योजनाओं की सभी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। गोगला पंचायत के मुखिया श्यामल बागदी (Shyamal Bagdi) ने कहा कि इस वर्ष सरकारी कैंप में दो नयी योजनाएं जोड़ी गयी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कोरोना के कारण लोगों ने लॉकडाउन देखा है और इस लॉकडाउन के परिणामस्वरूप प्रवासी श्रमिकों को सबसे अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्हें ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष दुआरे सरकार शिविर में प्रवासी श्रमिकों के लिए एक नई योजना शुरू की गई है। इसके साथ ही वृद्धावस्था भत्ता जैसी परियोजनाओं का लाभ भी मिलता है और साथ ही स्वास्थ्य साथी (Swasthya Sathi), कन्याश्री और कृषक बंधु जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी इस शिविर से मिलता है।
इस दिन सरकारी शिविर में तृणमूल (Tmc) के गोगला क्षेत्र के अध्यक्ष गौतम घोष मौजूद थे। क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दुआरे सरकार शिविर सरकारी कार्यक्रम है। इसलिए, तृणमूल क्षेत्रीय अध्यक्ष के रूप में उनकी जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र के लोगों को सरकारी सुविधाएं ठीक से मिलें। क्षेत्रीय अध्यक्ष के साथ तृणमूल के अन्य कार्यकर्ता व समर्थक भी थे। वह दुआरे सरकार शिविर में आने वाले कई गरीब लोगों की मदद कर रहे थे जिन्हें फॉर्म लिखने या भरने में समस्या होती है।