आखिर क्यों ईसीएल के मृत कर्मचारी की बेटी को 12 साल बाद मिली नौकरी?

ईसीएल के इंटक नेता देबाशीष रॉयचौधरी ने कहा कि सभी तथ्यों को जानने के बाद, हमने 4 फरवरी 2023 को दुलाली के साथ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।

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Ankita Kumari Jaiswara
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के हस्तक्षेप के बाद ईसीएल के एक मृत आदिवासी कर्मचारी की बेटी को 12 साल बाद ईसीएल के सालानपुर इलाके में नौकरी मिल गयी। ईसीएल की लापरवाही से एक की 12 साल की नौकरी खत्म होने की बात को लेकर इंटक हाई कोर्ट जाने की सोचने लगी है।

बताया जाता है कि ईसीएल कर्मी आसु कोल की 17 अप्रैल 2012 को ड्यूटी के दौरान मौत हो गयी थी। तब उनकी बेटी दुलाली कोल ने नियमों के अनुसार सभी आवश्यक जानकारी के साथ ईसीएल अधिकारियों को नौकरी के लिए आवेदन किया। यहां तक ​​कि संबंधित जन प्रतिनिधियों से यह भी जानकारी दी गयी कि वह शादीशुदा नहीं है। लेकिन विभिन्न कारणों का हवाला देकर और अधिक दस्तावेजों की मांग करते हुए इसे स्थगित कर दिया गया। तब दुलाली कोलियरी वर्कर्स यूनियन से संपर्क किया। 

ईसीएल के इंटक नेता देबाशीष रॉयचौधरी ने कहा कि सभी तथ्यों को जानने के बाद, हमने 4 फरवरी 2023 को दुलाली के साथ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। आयोग ने सीएमडी से मांगा जवाब फिर 13 जून को आयोग अध्यक्ष की अध्यक्षता में मामले की सुनवाई हुई। आयोग ने ईसीएल को 15 दिनों के भीतर दुलाली को नियुक्त करने का निर्देश दिया। फिर 4 जुलाई को ईसीएल की ओर से दुलाली को नियुक्ति पत्र दिया गया।