राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़: रेलवे में ज़ोनल वाइज पहली बार यूनियनों की मान्यता के लिए हुए चुनाव में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फ़ेडरेशन (एआईआरएफ) समर्थित ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन (ईआरएमयू) पहले नंबर पर रही, जबकि नेशनल फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन रेलवे (एनएफआईआर) दूसरे नंबर पर रही। चुनाव के लिए 4 दिसंबर को रेलवे कर्मियों ने वोट डाले थे। वोटों की गिनती गुरुवार को हुई। जामताड़ा से लेकर, विद्यासागर, चित्तरंजन आदि रेलवे स्टेशन पूर्व रेलवे जोन में ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन आगे रही। जबकि चिरेका में वाम समर्थित लेबर यूनियन ने पहला स्थान हासिल किया। दूसरे स्थान पर सीआरएमसी। यहाँ लेबर यूनियन गठबंधन को 3026 वोट मिले। जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी यूनियन सीआरएमसी को 2916 वोट मिले।
जीत से उत्साहित लेबर यूनियन के कार्यकर्ता और समर्थक चितरंजन टेक्निकल स्कूल मतगणना केंद्र के बाहर एक-दूसरे को लाल अबीर लगाया और पटाखे छोड़े। लेबर यूनियन नेता राजीव गुप्ता ने कहा कि यह जीत मजदूरों के एकजुट संघर्ष के मनोबल को दोबारा हासिल करने की जीत है। पुरानी पेंशन योजना वापस करने की मांग, चित्तरंजन रेल इंजन कारखाने को निजीकरण से बचाने की मांग, रेल कारखाने में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग इससे और मजबूत हो गयी है। लेबर यूनियन इस जीत को उन कई साथियों को समर्पित करती है जो इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं और उन लोगों को भी जो यूनियन की मान्यता के लिए लंबे संघर्ष में अभी भी हमारे साथ हैं। सीएलडब्ल्यू की नंबर वन यूनियन होने के नाते वे हर जगह के श्रमिकों के हितों के लिए सभी को साथ लेकर चलेंगे। सीआरएमसी नेता इंद्रजीत सिंह, नेपाल चक्रवर्ती, संजीव साही ने कहा कि दूसरे नंबर पर आने के बावजूद मान्यता तो हमें मिली है लेकिन पहले स्थान पर आने के लिए श्रमिकों के विश्वास हासिल करने के लिए हम और मेहतन करेंगे।