टोनी आलम, एएनएम न्यूज़, जामुड़िया: बंगाल की धरती त्योहारों की धरती है। यहां लोग विभिन्न त्योहारों का धूमधाम से आयोजन करते हैं। इन त्योहारों की शुरुआत की कहानी भी काफी दिलचस्प होती हैं। ऐसा ही इतिहास है जामुड़िया के बेड़ाला गांव में लखी पुजा का। आपको बता दें कि जामुड़िया थाना अंतर्गत बेड़ाला गांव में दुर्गा पूजा नहीं होने के कारण गांव के मांझी (किसान) परिवार के सदस्य दुर्गा पूजा की जगह लक्ष्मी पूजा धुमधाम से मनाते हैं। यह लक्ष्मी पूजा करीब 150 साल पुरानी है।
मांझी परिवार के सदस्य राम प्रसाद मांझी ने बताया कि बेड़ाला गांव का किसान परिवार बर्नपुर के सांता क्षेत्र से आया था। बेड़ाला गाँव का प्रत्येक परिवार शूद्र था इसीलिए उच्च वर्ग के लोग उस समय दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं देते थे। चूँकि क्षेत्र के अधिकांश परिवार किसान थे, देवी की पूजा के अनुसार धन की प्राप्ति होती थी। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा की तरह लक्ष्मी पूजा भी 5 दिनों तक की जाती है। पूजा के समय क्षेत्र के हर परिवार के घर में पूजा देखने के लिए रिश्तेदार जुटते हैं। दो दिन कोलकाता से आए जात्रा पार्टी के अभिनेता जात्रा पेश करते हैं। इसके साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अंतिम दिन क्षेत्र के लोगों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया जाता है।