कहीं सच न हो जाए ''एक था मैथन'' की कहानी

अगर हम समय रहते नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ियां 'एक था मैथन' की कहानी किताबों में पढ़ेंगी। जमीन पर कब्जे और लीज के खेल के कारण दिन-ब-दिन इमारतों की संख्या बढ़ती जा रही है और वन क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है।

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Ankita Kumari Jaiswara
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: अगर हम समय रहते नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ियां 'एक था मैथन' की कहानी किताबों में पढ़ेंगी। जमीन पर कब्जे और लीज के खेल के कारण दिन-ब-दिन इमारतों की संख्या बढ़ती जा रही है और वन क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है।

सालानपुर थाना अंतर्गत मैथन डैम से सटा होदला जंगल की अस्तित्व फिर एकबार खतरे में है। हालांकि इस बार जर जमीन जंगल बचाने के लिए आदिवासियों ने एकजुट होकर डुगडुगी के साथ मोर्चा खोल दिया है। घटना बुधवार की है, जब आदिवासी समुदाय के 22 मौजा की लोगों ने एकजुट होकर जंगल काटने तथा जमीन कब्जा के विरोध में मैथन थर्ड डाइक स्थित होदला जंगल के निकट ढोल नगाड़ों के साथ आंदोलन शुरू कर दिया।