टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र के पड़ासिया इलाके में राशन दुकान के बाहर स्थानीय लोगों का प्रदर्शन। राशन देने के संदर्भ में लगाए कई गंभीर आरोप।
इस बारे में जामुड़िया पंचायत समिति के कर्माध्यक्ष उदीप सिंह ने कहा कि यहां पर राशन मिलने में काफी समस्या हो रही है। उत्तम बनर्जी के नाम पर जब यहां पर राशन दुकान था तब लोगों को सही तरीके से राशन मिला करता था, लेकिन उनकी मौत के बाद यहां पर यह समस्या शुरू हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस राशन दुकान के लोग प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए की राशन दुकान चल रहा है। थोड़ा बहुत राशन लेकर आते हैं और दिखाते हैं कि राशन दिया जा रहा है। लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि 2024 के 17 जुलाई को उन्होंने जिला शासक को एक पत्र लिखा था और इस राशन दुकान के ऊपर निर्भर करने वाले ग्राहकों को हो रही परेशानी के बारे में उनका जानकारी दी थी। तब जिला शासक के हस्तक्षेप से एक दो महीना लोगों को ठीक से राशन मिला। लेकिन फिर समस्या शुरू हो गई। उन्होंने यहां पर नए आए फूड इंस्पेक्टर पर आरोप लगाया कि वह एक षड्यंत्र के तहत यहां के लोगों को 6 किलोमीटर दूर एक अन्य राशन दुकान भेजने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी दिव्यांग के लिए या महिला या बच्चों के लिए 6 किलोमीटर दूर राशन दुकान से जाकर राशन लेना असंभव है। हर कोई चाहेगा कि मोहल्ले में पास के राशन की दुकान से उनका राशन मिले लेकिन एक षड्यंत्र के तहत यहां के लोगों को दूर भेजा जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बायोमेट्रिक स्लिप मिलने के बावजूद लोगों को राशन नहीं मिल रहा है। जबकि बायोमेट्रिक स्लिप मिलने का मतलब ही होता है कि ग्राहक को राशन मिल चुका है।
उन्होंने कहा कि इस राशन की दुकान पर 500 के करीब ग्राहक निर्भर हैं। लेकिन इस तरह से उनको परेशान किया जा रहा है। जबकि राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबके लिए निशुल्क राशन का इंतजाम कर रही है। लेकिन निचले स्तर के कुछ लोगों की वजह से ममता बनर्जी की परियोजना सही तरीके से लागू नहीं हो पा रही है और लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं राशन लेने आई एक महिला ने बताया कि तकरीबन 1 साल से उनको इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हर महीने पहले राशन मिलता था। लेकिन पिछले एक साल से यह समस्या उत्पन्न हुई है। हर महीने उनका राशन नहीं मिलता, कभी चावल मिलता है तो आटा नहीं मिलता। ऐसे में वह उनके लिए अपना घर चलना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनके लिए बाजार से भोजन सामग्री खरीदना मुश्किल है। लेकिन अगर उनको इस तरह से राशन से वंचित किया जाए तो वह कहां जाएंगे।
वही इस राशन दुकान के कर्मचारी सौमेन आचार्य ने कहा कि उत्तम बनर्जी की मौत के बाद तुषार क्रांति घोष और उनकी पत्नी रंजन घोष इस राशन दुकान को चला रहे हैं। वह हर महीने जितना राशन उनको भेजते हैं। वह ग्राहकों में बांट देते हैं उनका काम राशन भेजा जाता है तो इसमें वह कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने तुषार कांति घोष को कई बार कहा है लेकिन तुषार कांति को कहते हैं कि उनको ब्लॉक से कम राशन मिल रहा है। वही राशन देने से पहले ही बायोमेट्रिक स्लिप देने की बात स्वीकार करते हुए। उन्होंने कहा कि ऐसा राशन दुकान के मालिकों के आदेश पर्व कर रहे हैं। हालांकि अन्य राशन दुकानों में सही तरीके से सामान आ रहा है। उनके ही दुकान में सामान क्यों कम आ रहा है इसका वह कोई जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि ग्राहकों को दूसरे दुकान भेजे जाने के बारे में भी वह कुछ नहीं जानते। इस बारे में उनके पास कोई आंकड़ा नहीं है।