टोनी आलम, एएनएम न्यूज़,जामुड़िया : ईसीएल के कुनुस्तोड़िया एरिया के नोर्थ सियारसोल ओसीपी की वजह से आसपास गांव के लोग बेहद दहशत में जीवन बसर कर रहे हैं। स्थानीय गांव के लोगों का कहना है कि ओसीपी में कभी भी ब्लास्टिंग होती है जिस वजह से उनके घरों में दरारे आ रही है।
इस बारे में उन्होंने स्थानीय थाना विधायक पार्षद कोलियरी के महाप्रबंधक, सबको ज्ञापन सौंपा है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ कभी भी ब्लास्टिंग की जाती है जिससे उनके घरों में दरार आ जाती है घरों की छत से कुछ हिस्से टूट कर गिरने लगते हैं जिससे कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में स्थानीय लोगों द्वारा डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी को भी ईमेल किया गया है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अभी भी ओसीपी प्रबंधन द्वारा अपनी मर्जी से ब्लास्टिंग की जाती है।
जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि आज जब वह कोलियरी प्रबंधन से बात करने आए तो उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अपने उच्च अधिकारियों को बताएंगे। इनका साफ कहना है कि वह यहां पर तीन से चार बार आ चुके हैं और हर बार उनको यही जवाब मिलता है। उन्होंने साफ आरोप लगाया कि यहां पर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते हुए ब्लास्टिंग की जाती है। उनका कहना है कि जब स्थानीय लोग आकर यहां पर विरोध जताते हैं तो कुछ दिनों के लिए ब्लास्टिंग कम कर दी जाती है लेकिन उसके बाद फिर इस तरह से ब्लास्टिंग की जाती है। इस वजह से यहां पर एक स्कूल भवन को भी नुकसान पहुंच रहा है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि ओसीपी में सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए ब्लास्टिंग की जाए इससे ज्यादा वह कुछ नहीं चाहते। इस बारे में जब हमने और भी कुछ स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से यहां के लोग ब्लास्टिंग को लेकर अपनी शिकायत दर्ज करते रहे हैं लेकिन प्रबंधन उनकी बात पर ध्यान नहीं दे रहा है जिस वजह से वह दहशत में जीने को मजबूर हैं। यहां तक कि उनके इलाके में जो शमशान है वहां पर भी दरार आ चुकी है।
स्थानीय बिजपुर नेताजी शिक्षा निकेतन के प्रिंसिपल सरोज चटर्जी ने भी कहा कि यहां पर हो रही ब्लास्टिंग की वजह से स्कूल बिल्डिंग को भी नुकसान पहुंचता है जिससे विद्यार्थी सहित स्कूल में आने वाले शिक्षकों और अन्य लोगों के लिए भी खतरा पैदा होता है। उन्होंने कहा कि 2023 के अगस्त महीने में ही उन्होंने स्कूल की तरफ से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को ईमेल किया था और इस समस्या की जानकारी दी थी लेकिन अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ। सरोज चटर्जी ने कहा कि इस बारे में वह स्कूल की तरफ से स्थानीय गांव वालों के साथ मिलकर लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन अभी तक प्रबंधन की तरफ से कोई सार्थक पहल नहीं की गई है।