टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: रविवार की दोपहर को मछली प्रेमी बंगाली "माचे भाते बंगाली" उत्सव का आनंद लेते दिखे। कहा जाता है तो मछली और चावल बंगाली के प्रिय हैं हालाँकि, समय बीतने के साथ, मछली नई पीढ़ी के बीच अलोकप्रिय होती जा रही है। मछली के कांटे से एलर्जी हो गई है। वहीं इस पीढ़ी के बच्चों को मछली खाने के प्रति आकर्षित करने के लिए 9 नंबर वार्ड के पूर्व पार्षद पल्लब रंजन नाग ने पहल की"माचे भाते बंगाली" उत्सव दुर्गापुर स्टील टाउनशिप के रवीन्द्र भवन में आयोजित किया गया। उनकी पहल पर हर साल एक दिन के लिए "माचे भाते बंगाली" उत्सव आयोजित किया जाता है। यह उत्सव इस वर्ष अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस साल भी मछली और चावल के बंगाली त्योहार में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। विभिन्न मछली व्यंजनों का स्वाद चखने के लिए 16 प्रकार की मछलियाँ पकाई गईं। हिलसा, पाबदा, झींगा, टॉपसे, रुइकाटला और विभिन्न समुद्री और तालाब की मछलियों की व्यवस्था की जाती है। यहां केकड़े भी पकाए गए। जिसका लोगों ने चाव से आनंद उठाया। इस उत्सव में भीड़ देखने लायक थी। आज दुर्गापुर में इस उत्सव में करीब 1700 लोगों ने हिस्सा लिया। पल्लव बाबू ने पहले भी"पंताभात", "आम महोत्सव" भी किया है। पूर्व पार्षद ने आने वाले दिनों में झालमुरी महोत्सव की योजना बनाई है।