शब ए बारात को लेकर जामुड़िया थाना सभागार में शांति समिति की बैठक

मुस्लिम समुदाय का पवित्र त्यौहार शबेबरात आने वाला है। "यह कार्यक्रम रात में आयोजित किया जाता है"। मुसलमानों के अनुसार, यह शबेबरात इस दिन उन लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने और क्षमा मांगने के

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Kalyani Mandal
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: मुस्लिम समुदाय का पवित्र त्यौहार शबेबरात आने वाला है। "यह कार्यक्रम रात में आयोजित किया जाता है"। मुसलमानों के अनुसार, यह शबेबरात इस दिन उन लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने और क्षमा मांगने के लिए मनाया जाता है जो इस दुनिया को छोड़कर परलोक में चले गए हैं। पूरे वर्ष के दौरान किए गए किसी भी गलत काम के लिए उपरवाले से क्षमा याचना की जाती है। इसे लेकर राज्य पुलिस प्रशासन भी सतर्क है, वहीं जामुड़िया पुलिस स्टेशन में सभी धर्मों के लोगों और जामुड़िया नंबर एक बोरो के पार्षदों और आसनसोल नगर निगम के एमएमआईसी के साथ एक शांति बैठक का आयोजन किया गया, जहां एमएमआईसी सुब्रत अधिकारी ने कहा कि उनको विश्वास है कि हर साल की तरह ही इस साल भी यह आयोजन अच्छे से किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि जहां निगम की आवश्यकता होगी निगम द्वारा सारी आवश्यकताओं का पूरा किया जाएगा । इस मौके पर सुब्रतो अधिकारी ने कहा कि जामुड़िया की परंपरा है कि यहां सभी धर्म के लोग एक दूसरे के त्योहारों को मिलजुल कर बनाते हैं और सहयोग करते हैं। शबे बरात एक ऐसा त्यौहार है जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग अपने दिवंगत परिजनों को याद करते हैं। कब्रिस्तान में जाकर पूरी रात जाग कर अपने दिवंगत परिजनों को याद किया जाता है।  इसके लिए आसनसोल नगर निगम की तरफ से भी सभी प्रकार की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की तरफ से साफ सफाई सहित सभी जरूरी इंतजार किए जाएंगे। वही शबे बरात के बारे में बताते हुए मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने बताया कि क्योंकि इंसान सामाजिक जीव है इसलिए हर एक से प्यार मोहब्बत के साथ रहना अनिवार्य है और जो आज हमारे बीच नहीं है उनको याद करके उनको श्रद्धांजलि देने के त्यौहार का नाम ही शबे बारात है। होने वाले शब-ए-बारात को लेकर विते शनिबार की संध्या थाना के सभागार में शांति कमिटी एक बैठक का आयोजन किया गया है। इस दौरान सीआई सुशांतो चटर्जी, सुब्रतो अधिकारी, मिहिर कुमार दे, ट्रफिक ओसी प्रश्नजीत मंडल, मिरदुल चक्रवर्ती, अब्दुल हाउस, श्रवणी मंडल, जाहिर आलम, ममुन रसीद, बैशाखी बाउरी, सत्यनारायण रवानी मौजूद थे।