आरोपियों के साथ भाजपा कार्यकर्ता की तस्वीर वायरल, अग्निमित्र पाल से सवाल

2021 के चुनावों के बाद बीते 2 सालों में भाजपा के साथ उनका जुड़ाव कितना रहा, इसे लेकर उनके मन में संदेह है क्योंकि जब भाजपा कार्यकर्ताओं (BJP workers) पर हमले हो रहे थे उनको घर से बेदखल किया जा रहा था।

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Sneha Singh
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questions to Agnimitra Pal

टोनी आलम, एएनएम न्यूज: सैयद इम्तियाज आलम के पिता सैयद फरीद आलम के हत्या के आरोपियों महेश शर्मा (Mahesh Sharma) और राजकुमार शुक्ला के साथ आसनसोल के समाजसेवी कृष्णा प्रसाद (Krishna Prasad) की तस्वीर वायरल होने को लेकर जब आसनसोल दक्षिण के विधायक अग्निमित्र पाल (Agnimitra Pal) से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि कृष्णा प्रसाद 2021 तक भाजपा के कार्यकर्ता रहे थे। 2021 के चुनावों के बाद बीते 2 सालों में भाजपा के साथ उनका जुड़ाव कितना रहा, इसे लेकर उनके मन में संदेह है क्योंकि जब भाजपा कार्यकर्ताओं (BJP workers) पर हमले हो रहे थे उनको घर से बेदखल किया जा रहा था। भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारों को धमकाया जा रहा था तब कृष्णा प्रसाद कभी आगे नहीं आए और इन कार्यकर्ताओं के साथ खड़े नहीं दिखे। 

विधायक ने कहा कि इस वजह से वह इस बात से सहमत नहीं है कि भाजपा कार्यकर्ता कृष्णा प्रसाद किसी सुपारी किलर के साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं क्योंकि वह भाजपा में है भी या नहीं, यह अभी तक साफ नहीं है। इसके उपरांत उन्होंने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि कृष्णा प्रसाद भाजपा में है तब भी यह सवाल उठता है कि वह सुपारी किलर्स के साथ क्या कर रहे थे। बर्नपुर के व्यवसाय के पिता की हत्या के आरोपी दो सुपारी किलर्स के साथ कृष्णा प्रसाद का देखा जाना कई सवाल खड़े करता है, जिनका जवाब वह भी चाहती हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कृष्णा प्रसाद कहते हैं कि वह एक समाजसेवी हैं अगर वह समाजसेवी है तो उनको सुपारी किलर्स के साथ बैठक करने की क्या आवश्यकता है। यह सवाल उनका नहीं है यह जांच का विषय होना चाहिए, क्योंकि एक समाजसेवी का अपराधियों के साथ क्या लेना देना हो सकता है।

 उस बैठक (meeting) में किसकी हत्या की योजना बनाई जा रही थी इस बात का खुलासा होना अति आवश्यक है। उन्होंने पुलिस से मांग की कि वह इन शब्द रहस्यों से पर्दा उठाए  और पता करें कि उस बैठक में किस विषय पर आलोचना हो रही थी और कहीं उस बैठक में किसी की हत्या की योजना तो नहीं बनाई जा रही थी। उनका साफ कहना था कि भाजपा इस तरह की हत्या की राजनीति को मान्यता नहीं देती, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास उनके राजनीतिक दर्शन में हत्या या हत्या की राजनीति कहीं नहीं आती। विधायक ने कहा कि एक तरफ जहां भाजपा कहती है कि हिंसा मुक्त पंचायत चुनाव चाहिए, भ्रष्टाचार मुक्त पंचायत चाहिए, वही अगर कृष्णा प्रसाद खुद को भाजपा कार्यकर्ता कहते हैं और वह खुद जाकर अपराधियों से बैठक कर रहे हैं तो भाजपा को ऐसे कार्यकर्ता की कोई जरूरत नहीं है।