नामांकन वापस लेने को लेकर राजनीतिक खींचतान तेज

भाजपा जिला नेतृत्व ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उम्मीदवार और उसके परिवार को डराया और तृणमूल से जुड़े गुंडों ने उनके उम्मीदवार को नामांकन पत्र वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए बल प्रयोग किया।

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Sneha Singh
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज: हिजालगोड़ा ग्राम पंचायत (Hijalgoda Gram Panchayat) के बारूल गांव में भाजपा प्रत्याशी प्रिया मंडल (Priya Mandal) का नामांकन वापस लेने को लेकर राजनीतिक खींचतान तेज हो गई है। भाजपा जिला नेतृत्व ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उम्मीदवार और उसके परिवार को डराया और तृणमूल से जुड़े गुंडों ने उनके उम्मीदवार को नामांकन पत्र वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए बल प्रयोग किया। वहीं भाजपा जिला नेतृत्व के बयान के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी प्रिया मंडल ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से नामांकन पत्र वापस ले लिया है। नामांकन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन आज यानि मगलवार को भाजपा आसनसोल जिलाध्यक्ष दिलीप डे और जिला सम्पदिका काकली घोष सहित अन्य नेताओं ने जामुड़िया (Jamudia) सामूहिक विकास अधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उनकी पुलिस से बहस हुई।

आसनसोल जिलाध्यक्ष दिलीप डे (Dilip Dey), जिला सम्पदिका काकली घोष और भाजपा नेता बप्पा चटर्जी ने मिलकर आरोप लगाया कि कल देर रात चुरुलिया आईसी हिजलगढ़ ग्राम पंचायत के संसद संख्या 160 के लिए भाजपा प्रत्याशी प्रिया मंडल के घर गए और उनके प्रत्याशी व परिवार को धमकाया। आज सुबह तृणमूल आश्रित बदमाशों ने उनके प्रत्याशी को प्रखंड कार्यालय लाकर जबरदस्ती नामांकन पत्र वापस करवा लिया। उन्होंने पुलिस की इस भूमिका के लिए कानूनी कार्रवाई की भी मांग की। वही दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी प्रिया मंडल ने भाजपा नेतृत्व के सभी आरोपों का खंडन किया और आवेग में आकर भाजपा के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने अपनी कठिनाइयों को देखते हुए अपना नामांकन वापस ले लिया। जामुड़िया तृणमूल कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष सिद्धार्थ राणा ने इस मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी अपने मुंह से स्वीकार कर रही हैं कि उन पर कोई दबाव नहीं बनाया गया, तो यह साबित हो गया कि भाजपा लोगों को गुमराह करने और सरकार को बदनाम करने के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में झूठ बोल रही है।