दुर्गापुर थर्मल पावर प्लांट में विरोध प्रदर्शन

लेकिन आज सुबह विरोध प्रदर्शन शुरू करने से पहले, तृणमूल समर्थकों ने कथित तौर पर अस्थायी कर्मचारियों को कारखाने में घुसने के लिए मजबूर किया और फिर भाजपा कार्यकर्ताओं के समर्थकों ने गेट बंद कर दिया। नारेबाजी और जवाबी नारेबाजी से फैक्ट्री परिसर गरमा गया।

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Sneha Singh
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Durgapur Thermal Power Plant

टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: बीएमएस, भाजपा विधायक लक्ष्मण घरवी के साथ अस्थायी कर्मचारियों को रोजगार देने की मांग को लेकर दुर्गापुर थर्मल पावर प्लांट में विरोध प्रदर्शन कर रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कल फैक्ट्री के अधिकारियों को फैक्ट्री में प्रवेश करने से रोक दिया। लेकिन आज सुबह विरोध प्रदर्शन शुरू करने से पहले, तृणमूल समर्थकों ने कथित तौर पर अस्थायी कर्मचारियों को कारखाने में घुसने के लिए मजबूर किया और फिर भाजपा कार्यकर्ताओं के समर्थकों ने गेट बंद कर दिया। नारेबाजी और जवाबी नारेबाजी से फैक्ट्री परिसर गरमा गया। बीजेपी विधायक ने यह भी कहा कि विवाद वहीं से शुरू हुआ और इस घटना में दो लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी स्थानीय युवाओं की नियुक्ति के मामले पर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रही है और जब टीएमसी के स्थानीय नेताओं का पता चला कि आज सुबह 7:00 बजे वह लोग गेट के सामने फिर से आएंगे तो टीएमसी नेताओं ने 6:30 बजे ही अपने लोगों को कारखाने के अंदर घुसा दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज यहां पर झड़प हुई इसमें बीएमसी के दो सदस्य घायल हो गए हैं और अब आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि स्थानीय युवाओं को यहां पर नौकरी में तरजीह देनी ही होगी। 

हालांकि, तृणमूल ने आरोपों से इनकार किया है। आईएनटीटीयूसी सदस्य राजु बुट ने कहा कि विधायक अपनी मांगों को लेकर बाहरी लोगों को लाकर फैक्ट्री गेट पर अशांति फैला रहे हैं। एक जन प्रतिनिधि श्रमिकों के हितों की कैसे अनदेखी कर सकता है। उनका कहना था कि यहां पर कोई राजनीतिक बात नहीं है यहां पर सभी छटाई श्रमिकों का मुद्दा है 2022 में यहां का चार नंबर यूनिट बंद हो गया था तब से जिन श्रमिकों ने यहां पर फिर से नियुक्ति की मांग पर आंदोलन किया है। अगर अधिकार देकर उन्हें की नियुक्ति की जा रही है और अगर बीएमसी के पास ऐसे योग्य श्रमिक है जिनकी नियुक्ति की जा सकती है तो उनको लाया जाए। उन्होंने कहा कि यहां पर मारपीट या झड़प की कोई बात उनको पता नहीं है और बीएमसी द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है कि यहां पर तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन के सदस्यों द्वारा ज़बरदस्ती उनको रोका गया यह पूरी तरह से निराधार है।