विभिन्न कारखानों के गेट के सामने विरोध प्रदर्शन

सत्ता पक्ष का एक गुट पैसों के लिए बाहरी लोगों को नौकरी दे रहा है। फैक्ट्री की धूल से क्षेत्र के लोग बेहाल हैं। वहीं क्षेत्र के बेरोजगार युवा काम से वंचित हैं।

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Sneha Singh
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: फैक्ट्री की धूल से क्षेत्र के लोगों को परेशानी होगी और बाहर के लोगों को रोजगार मिलेगा, इस मुद्दे को उठाते हुए  सात वामपंथी संगठनों ने आज सुबह से जमुड़िया (Jamudia) में विभिन्न कारखानों के गेट के सामने "ऐसा नहीं होने दिया जा सकता" के नारे के तहत विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 1990 के दशक में वामपंथियों ने बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए जमुड़िया को औद्योगिक क्षेत्र बनाया था। लेकिन फिर 2011 में सरकार बदल गई। इसके बाद से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है। सत्ता पक्ष का एक गुट पैसों के लिए बाहरी लोगों को नौकरी दे रहा है। फैक्ट्री की धूल से क्षेत्र के लोग बेहाल हैं। वहीं क्षेत्र के बेरोजगार युवा काम से वंचित हैं। यहां तक ​​कि फैक्ट्री के अधिकारी प्रशासन और सत्ता पक्ष के सहयोग से वन विभाग की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। इसके अलावा, कारखानों में सत्ता पक्ष की वसुली मजदूरों से 8 घंटे से अधिक काम कराया जा रहा है। माकपा नेता मनोज दत्ता, तापस कवि, सुजीत दत्ता, बुद्धदेव रजक, संजय चटर्जी और  सुप्रिया चटर्जी ने इस अभियान का नेतृत्व किया।