टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : वामपंथी श्रमिक संगठन CITU तथा सारा भारत कृषक सभा ( All India Krishak Sabha) की तरफ से आज रानीगंज रेलवे स्टेशन (Raniganj railway station) के पास एक विरोध सभा (protest meeting) का आयोजन किया गया। इस विरोध सभा के जरिए इन दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मणिपुर और मालदा की घटनाओं का तीव्र विरोध किया। इस बारे में पत्रकारों से बात करते हुए सीटू के रानीगंज कन्वीनर दिव्येंदु मुखर्जी ने कहा कि मणिपुर में जिस तरह की घटनाएं हो रही है वह इंसानियत को शर्मसार करने वाली है। करीब 3 महीने से मणिपुर जल रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश हैं। ना तो संसद में और नहीं संसद से बाहर वह इस पर कोई बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आरएसएस तथा भाजपा की सांठगांठ है कि पूरे देश में विभाजन की राजनीति कर लोगों को आपस में लड़ाया जाए, मणिपुर (Manipur) इसका ज्वलंत उदाहरण है। वहां पर मेईते समुदाय के लोगों के साथ वहां के अन्य जनजातियों का विवाद खड़ा करके मेईते समुदाय के वोट को सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है उसका प्रमाण आज हम सबके सामने हैं। यह एक राजनीतिक साजिश है जो भाजपा कर रही है। ठीक उसी तरह बंगाल (West Bengal) को भी जलने के लिए छोड़ दिया गया है। लेकिन यहां के मुख्यमंत्री भी कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। मालदा में जिस तरह से दो आदिवासी महिलाओं को सिर्फ दो नींबू चुराने के आरोप में निर्वस्त्र कर उनके साथ मारपीट की गई (TMC) वह इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना है। नींबू चुराने से साबित होता है कि आज बंगाल की अर्थव्यवस्था कहां पहुंच गई है। सिर्फ दो नींबू चुराने के आरोप में दो आदिवासी महिलाओं के साथ इस तरह का अमानवीय कृत्य किया गया। उन्होंने कहा कि सीटु और सारा भारत कृषक सभा की तरफ से वह मांग करते हैं कि मणिपुर के (BJP) मुख्यमंत्री इस्तीफा दें और मणिपुर हो या मालदा वहां पर इस तरह से जनजाति आदिवासी समुदाय के लोगों पर अत्याचार बंद हो। उन्होंने सभी को इस तरह की घटनाओं के खिलाफ एकजुट होने का आव्हान किया।