ईसीएल कर्मी के शव को लेकर घंटों चला प्रदर्शन, नौकरी एंव मुआवजे की मांग
इस घटना के संदर्भ में बताया जा रहा है कि बीते 6 सितंबर को संतोष बारुई नामक ईसीएल कर्मी जो डाबर कोलयरी (Dabur Colliery) में डंपर ऑपरेटर के तौर पर कार्यरत थे अचानक उनको चक्कर आने के कारण मूर्छित होकर गिर गए।
राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज: सालानपुर (Salanpur) ईसीएल अंतर्गत डाबर ओसिपी खदान में डंपर ऑपरेटर की अस्पताल (hospital) में इलाज के दौरान हुई मौत से आक्रोशित परिजनों ने नौकरी की मांग करते हुए शव (dead body) को लेकर सालानपुर डाबर प्रबंधक कार्यालय के समक्ष घंटों प्रदर्शन किया। इस घटना के संदर्भ में बताया जा रहा है कि बीते 6 सितंबर को संतोष बारुई नामक ईसीएल कर्मी जो डाबर कोलयरी (Dabur Colliery) में डंपर ऑपरेटर के तौर पर कार्यरत थे अचानक उनको चक्कर आने के कारण मूर्छित होकर गिर गए, जिसके बाद उन्हें तत्काल ईसीएल के संकतोरिया अस्पताल ले जाया गया। जहाँ उनकी हालत गंभीर देख डॉक्टर ने उन्हें दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया।
जहाँ इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मृत्यु के बाद परिजनों ने ईसीएल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि स्थानीय डिस्पेंसरी में ताला लगा था जिसके कारण उन्हें तत्कालीन इलाज नही मिल पाया। परिजनों ने बुधवार शव के डाबर कोलयरी प्रबंधन के मुख्य गेट के सामने रखकर तुरंत मृतक ईसीएल कर्मी के परिवार को नौकरी एंव मुआवजा (compensation) की मांग पर बैठ गए। यूनियन नेताओं ने कहा इसीएल कर्मियों का आरोप है कि अगर संतोष का सही समय पर इलाज होता तो संतोष की मौत नहीं होती। बाद में ईसीएल प्रबंधन के साथ यूनियन नेताओं एंव परिजनों की बैठक हुई, जिसमें 40 दिनों के भीतर मृतक के परिजन को नौकरी देने पर सहमति के बाद मामला शांत हुआ। वही डाबर कोलियरी के एजेंट दिनेश कुमार प्रशाद ने कहा कि मृतक के परिजन के नौकरी की जॉइनिंग का जो भी कार्य है वो हमलोग 40 दिनों के भीतर कर देंगे, साथ ही उन्होंने ने डिस्पेंसरी (dispensary) के बंद होने के आरोप को बेबुनियाद बताया।