राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़: डीभीसी 220 केवी कल्यानेश्वरी सब स्टेशन में बीते 15 फरवरी को बिधुत की चपेट में आकर घायल हुये कैजुअल कर्मी स्थानीय पुरणडीह निवासी साहेबलाल मुर्मू की गुरुवार को दुर्गापुर की एक निजी अस्पताल में लंबे इलाज के दौरान मौत हो गई। मृत्यु के बाद साहेब लाल का दुर्गापुर सबडिविजनल अस्पताल में अंत्यपरीक्षण होने के बाद आक्रोशित परिजनों ने गुरुवार संध्या 4 बजे से ही शव के साथ कल्यानेश्वरी डीभीसी सब-स्टेशन के मुख्य गेट को जाम कर दिया। जिसके बाद डीभीसी सब-स्टेशन प्रबंधन के साथ हुई पहली वार्ता विफ़ल होने के बाद परिजनों एवं ग्रामीणों ने संध्या 6 बजे से देंदुआ-कल्यानेश्वरी मुख्य मार्ग को भी ढोल नगाड़ों के साथ जाम कर सड़क पर बैठ गये।
परिजनों ने डीभीसी प्रबंधन से स्थायी नौकरी के साथ उचित मुआवजा की मांग की है। इधर घटना की सूचना पाकर कुल्टी थाना प्रभारी एवं चौरंगी फाड़ी प्रभारी दल बल के साथ मौके पर स्थिति को नियंत्रित करने में लगे है। वही इस मौके पर उपस्थित तृणमूल कांग्रेस आईएनटीटीयुसी सालानपुर ब्लॉक अध्यक्ष मनोज तिवारी ने घटना को लेकर डीभीसी प्रबंधन एवं यहाँ पदस्थापित अधिकारियों को जिम्मेवार बताया। उन्होंने कहा डीवीसी के अधिकारियों की मनमानी के कारण ही घटना घटित हुई है, बिना किसी सुरक्षा और सेफ़्टी के ही साहेब लाल मुर्मू से 33 केवी के लाइन में काम कराया जा रहा था। उन्होंने कहा इस कार्य को करने के लिए डीभीसी द्वारा निजी ठेकेदार को नियुक्त किया गया है। किंतु अधिकारियों ने दबाव बनाकर साहेब लाल को उक्त कार्य करने को विवश किया। इधर घटना के बाद परिजनों एवं सहकर्मियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। इधर मौके पर उपस्थित डीभीसी कैज़ुअल कर्मी अध्यक्ष कैलाश पासवान एवं सचिव श्यामल बाउरी ने कहा, मांग और मुआवजा को लेकर प्रबंधन से वार्ता जारी है।
डीभीसी 220 केवी कल्यानेश्वरी सब स्टेशन में बिधुत की चपेट में आकर मृत्तक कैजुअल कर्मी साहेबलाल मुर्मू अपने पीछे पत्नी सुनीता मुर्मू, पुत्र सजल मुर्मू (10) और पुत्र समन मुर्मू(8) को छोड़ गए। साहेब लाल के मृत्यु के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। चुकी परिवार में साहेब लाल एकलौता कमाने वाला था। साहेब लाल का बड़ा पुत्र सजल चौथी कक्षा का छात्र है, जबकि छोटा पुत्र कक्षा प्रथम में पढ़ता है। इधर खबर लिखे जाने तक जाम स्थल पर भारी संख्या में आदिवासी समुदाय एकत्रित हो कर डीभीसी प्रबंधन के विरुद्ध आंदोलन शुरू कर दी है, जबकि देंदुआ-कल्यानेश्वरी मुख्य मार्ग पूर्ण रूप से अवरुद्ध है।