12 घंटे के बंगाल बंद को लेकर रानीगंज में हंगामा (Video)

भाजपा को यहां पर कोई समर्थन नहीं मिला है। उन्होंने साफ कहा कि कोलकाता में मेडिकल कॉलेज छात्रा के साथ जो कुछ भी हुआ उसके जितने निंदा की जाए कम है। लेकिन उसके लिए हड़ताल समाधान नहीं है।

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Jagganath Mondal
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: कोलकाता में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में कल पश्चिम बंगाल छात्र समाज की तरफ से नबन्नो चलो अभियान किया गया था। भाजपा द्वारा पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है कि छात्रों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन पर पुलिस ने बल प्रयोग किया लाठी चलाई, आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमें कई छात्र घायल हो गए। इसी के खिलाफ आज भाजपा की तरफ से 12 घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया गया है। इसे लेकर आज रानीगंज में भाजपा और टीएमसी के बीच काफी तनातनी देखी गई।

 

एक तरफ जहां भाजपा कार्यकर्ता सुबह से ही बंद को सफल करने के लिए सड़कों पर उतरे थे। वही टीएमसी की तरफ से बंद को असफल करने के लिए भी प्रयास किया जा रहा था। ऐसे में कई जगहों पर दोनों के समर्थकों के बीच तनाव पसर गया। दोनों पार्टियों के समर्थकों में झड़प भी हुई और पुलिस ने आकर मामले को शांत किया। 

इस बारे में भाजपा मंडल एक अध्यक्ष देवजीत खां ने कहा कि कोलकाता में मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के साथ जो घटना हुई थी,  उसके खिलाफ कल पश्चिम बंगाल छात्र समाज की तरफ से कोलकाता में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था, जिस पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्ण तरीके से अत्याचार किया गया। इसके खिलाफ आज बंगाल भाजपा की तरफ से 12 घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को पता था कि बंगाल की जनता और खास कर रानीगंज की जनता इस बंद का पूर्ण समर्थन करेगी। इसलिए कल रात से ही व्यापारियों को धमकाया जा रहा था कि वह आज अपनी दुकान खोले। परिवहन कर्मियों को भी धमकाया जा रहा था इसके बावजूद आज रानीगंज में बंद का बहुत अच्छा असर पड़ा है। उन्होंने टीएमसी पर आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया जिसमें उनके एक पदाधिकारी रवि केसरी सहित भाजपा के कई कार्यकर्ताओं को चोट लगी है। यहां तक की आम जनता और पत्रकारों को भी चोट लगी है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा जो आज बंद का आह्वान किया गया था, वह कोई राजनीतिक कारण से नहीं था। एक पीड़ित महिला को इंसाफ दिलाने के लिए बंद का आह्वान किया गया था। जिसे रानीगंज की जनता ने दिल से समर्थन किया। लेकिन टीएमसी द्वारा इस बंद को असफल करने के लिए पुलिस के मौजूदगी में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई और पुलिस चुपचाप देखते रही। उन्होंने कहा कि आज भाजपा द्वारा किसी भी दुकानदार व्यापारी या परिवहन करने के साथ जबरदस्ती नहीं किए गए थे। लोगों ने अपनी मर्जी से अपना व्यापार बंद रखा था। बसों और अन्य वाहनों का परिचालन नहीं हुआ यह सब कुछ लोगों ने अपनी मर्जी से किया। जबकि हमने अतीत में देखा है कि किस तरह से ममता बनर्जी जब विरोधी नेत्री थी, उन्होंने जबरदस्ती बंद किया था। 

वही इस बारे में जब हमने रानीगंज टाउन टीएमसी अध्यक्ष रूपेश यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता ने हड़ताल के संस्कृति को नकार दिया है। वामपंथियों के जमाने में हर एक बात पर हड़ताल हुआ करता था, जिससे पश्चिम बंगाल काफी बढ़ गया था। लेकिन भाजपा एक बार फिर इस संस्कृति को पुनर्जीवित करना चाहती है। लेकिन रानीगंज की जनता और बंगाल की जनता ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि आज बंद पूरी तरह से नाकाम रहा और यहां की जनता ने यह दिखा दिया कि वह इस हड़ताल संस्कृति का समर्थन नहीं करते। हालांकि रूपेश यादव ने इस बात से इनकार किया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कहीं पर भी भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया। उन्होंने कहा कि उनके पास इस तरह की कोई खबर नहीं है। वही पत्रकारों पर हुए हमले के लिए रूपेश यादव ने भाजपा को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। दूसरी तरफ रानीगंज के वरिष्ठ टीएमसी नेता वापी चक्रवर्ती ने भी कहा कि आज बंद पूरी तरह से असफल रहा। रानीगंज की जनता ने हड़ताल को पूरी तरह से नकार दिया है। लोग अपनी मर्जी से अपने घरों से निकल रहे हैं। अपना व्यापार कर रहे हैं वाहनों का परिचालन भी ठीक तरह से हो रहा है। भाजपा को यहां पर कोई समर्थन नहीं मिला है। उन्होंने साफ कहा कि कोलकाता में मेडिकल कॉलेज छात्रा के साथ जो कुछ भी हुआ उसके जितने निंदा की जाए कम है। लेकिन उसके लिए हड़ताल समाधान नहीं है। क्योंकि हड़ताल से कभी कोई समाधान नहीं निकला है।