बंगाल सरकार के खिलाफ गुस्सा, संग्रामी संयुक्त मंच ने निकाला जुलूस (Video)

उन्होंने कहा कि उनका संगठन सरकारी कर्मचारियों का संगठन है इसके साथ राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा कि एक बात साफ हो गई है कि राज्य में वर्तमान सत्ताधारी दल को 4 जून के बाद सत्ता से हटना पड़ेगा। 

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Kalyani Mandal
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Anger against West Bengal government & Sangrami Samyukta Manch took out a procession

टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: अब हाईकोर्ट की अनुमति से संग्रामी संयुक्त मंच ने जुलूस निकाला। संग्रामी संयुक्त मंच 16 मई को पांडवेश्वर ब्लॉक के आंगनबाडी केंद्र के कार्यकर्ताओं को समय पर वेतन भुगतान करने, हर महीने खाना पकाने के खर्च का भुगतान करने, अनावश्यक उत्पीड़न को रोकने सहित विभिन्न अनियमितताओं के निवारण की मांग को लेकर सीडीपीओ कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपने गए था और उस ज्ञापन को सौंपने के दौरान यह आरोप लगाया गया था कि उन पर तृणमूल के कुछ उपद्रवियों ने हमला किया था और इस घटना में कई लोग घायल हुए थे।

इस मामले को देखते हुए इस घटना के विरोध में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर और पांडबेश्वर पुलिस स्टेशन पर विरोध मार्च निकालने की इजाजत मांगी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उस मार्च की इजाजत नहीं दी। हालाँकि जब उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो अदालत ने उन्हें रैली करने की इजाज़त दे दी लेकिन रैली में पुरी तरह से अनुशासन का पालन करने का आदेश दिया गया । बुधवार को पूरे नियम-कायदों का पालन करते हुए 12 बजे से वे विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में अपने संगठन के सदस्यों को लेकर पांडेबेश्वर रेलवे स्टेशन से पांडेबेश्वर बाजार होते हुए मार्च किया और पांडेबेश्वर में फूलबागान कोलियरी से सटे दुर्गा मंदिर के पास एक सभा की। इस बैठक में मुख्य वक्ता भास्कर घोष ने विरोध में हुंकार भरी। उन्होंने उस दिन हमले का विरोध करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा भी जाहिर किया। उन्होंने कहा कि पिछले 16 तारीख को पांडेबेश्वर ब्लॉक में आईसीडीएस केंद्र में अनियमितताओं के विरोध में एक रैली निकाली गई थी जिस पर टीएमसी के गुंडो द्वारा हमला किया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस के सामने यह हमला किया गया था लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कि जब उन्होंने टीएमसी के गुंडो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई तो देखा गया कि पुलिस ने उनके संगठन के लोगों के खिलाफ टीएमसी के गुंडो से ज्यादा कड़े धाराओं में मामले दर्ज कर दिए हैं। इसी के खिलाफ वह आज यहां पर विरोध रैली निकालना चाहते थे लेकिन पुलिस से अनुमति नहीं दी। इसके बाद संगठन की तरफ से अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। कोलकाता हाई कोर्ट ने उन्हें आज यहां पर रैली करने की अनुमति दी, इससे यह साबित होता है कि अभी भी पश्चिम बंगाल में कानून का राज्य है और सत्ताधारी दल कितने भी कोशिश क्यों न कर ले अभी भी विरोध के स्वर को पूरी तरह से दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि उनका संगठन सरकारी कर्मचारियों का संगठन है इसके साथ राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा कि एक बात साफ हो गई है कि राज्य में वर्तमान सत्ताधारी दल को 4 जून के बाद सत्ता से हटना पड़ेगा।