टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : निम्न दबाव के कारण पिछले कुछ दिनों से खनन क्षेत्र और देशभर में भारी बारिश हो रही है। बारिश होने पर खनन क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा स्पष्ट हो जाता है। कोयला खनन क्षेत्र के अंडाल, पांडवेश्वर, लौदोहर के विभिन्न इलाकों में बारिश के बाद भूस्खलन देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों की बारिश के कारण पंडाबेश्वर पुलिस स्टेशन के हरिपुर हाट के ठीक पीछे स्थित एक सरकारी हरिपुर माध्यमिक विद्यालय के परिसर में यह ढह गई। गुरुवार की शाम आंगन में खेल रहे कुछ लड़कों को यह घटना पता चली। वे स्थानीय पंचायत को सूचित करते हैं।
शुक्रवार की सुबह स्कूल परिसर में ढही दीवार बड़े गड्ढे में तब्दील हो गयी, जिससे इलाके में दहशत फैलना स्वाभाविक है। मौके पर पहुंचे हरिपुर पंचायत के उपमुखिया गोपीनाथ नाग ने कहा कि सौभाग्य से स्कूल के दौरान इस तरह की घटना नहीं घटी, क्योंकि इस स्कूल में छोटे-बड़े बच्चे पढ़ते हैं और इसी स्कूल परिसर में खेल-कूद करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस क्षेत्र में एक बार एक पुरानी खदान थी, जिसमें ठीक से रेत नहीं भरने के कारण बारिश होने पर वह ढह गयी। गोपीनाथ बाबू ने कहा कि ईसीएल अधिकारियों को इस घटना की जानकारी कल दी गयी। लेकिन साढ़े नौ बजे तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। पंचायत ने अपनी पहल पर उस स्थान को बैरिकेड्स से घेर दिया ताकि कोई भी व्यक्ति या जानवर ढहे हुए क्षेत्र की ओर न जा सके।
पौने दस बजे हरिपुर कोलियरी के एजेंट घटनास्थल पर पहुंचे, एक-एक कर पांडवेश्वर के बीडीओ रैन हाजरा, स्थानीय निवासी व जामुड़िया के तृणमूल विधायक हरेराम सिंह मौके पर पहुंचे। बीडीओ ने कहा कि क्योंकि परीक्षा चल रही है, इसलिए इस दिन की परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए स्कूल बंद नहीं किया गया है, लेकिन सुरक्षा के लिए पुलिस, पंचायत और ब्लॉक सामूहिक विकास विभाग के कई अधिकारी मौके पर हैं। जमुरिया के तृणमूल विधायक हरेराम सिंह ने कहा, ईसीएल ने क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर कोयला खनन के लिए खदानें बनाई हैं। कोयला खनन के बाद खदान का मुंह ठीक से रेत से भर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अगर ईसीएल ने स्थल का निरीक्षण किया और इसे वाकई खतरनाक पाया, तो भविष्य में इस स्कूल को अन्यत्र स्थानांतरित करना होगा। मौके पर पहुंचे हरिपुर कोलियरी के एजेंट पंकज कुमार झा ने कहा कि मिट्टी भरने का काम शुरू हो गया है। घटना की सूचना ईसीएल, स्कूल के वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है और वे आसपास के क्षेत्र की निगरानी करेंगे। कुल मिलाकर स्कूल परिसर में इस घटना से छात्रों और उनके अभिभावकों के मन में डर फैल गया है। माता-पिता सोच रहे हैं कि जगह को मिट्टी से भरने के बाद भी यह कितना खतरनाक होगा।