अन्य सभी चोरियों से अनोखी चोरी का दिखा नजारा, कौन जिम्मेदार?

इसी बीच इस बार दुर्गापुर नगर निगम (Durgapur Municipal Corporation) के कचरा संग्रहण वाहन से तेल चोरी की गंभीर शिकायतें सामने आई थीं। न केवल चोरी बल्कि एक अनोखे तरीके से यह चोरी दिन-ब-दिन जारी थी। आंकड़ों के अनुसार, तेल चोरी की संख्या लगभग 7 लाख रुपये है।

author-image
Sneha Singh
New Update
thief 2

टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: राज्य की जनता ने राशन की चोरी, बालू की चोरी, नौकरियों की चोरी, गाय तस्करी, कोयला चोरी की तस्वीरें देखी हैं। राज्य के मंत्री और नेता अब जेल में हैं। कई अन्य लोग भी केंद्रीय जांच एजेंसियों (central investigation agencies) की जांच के दायरे में हैं। इसी बीच इस बार दुर्गापुर नगर निगम (Durgapur Municipal Corporation) के कचरा संग्रहण वाहन से तेल चोरी की गंभीर शिकायतें सामने आई थीं। न केवल चोरी बल्कि एक अनोखे तरीके से यह चोरी दिन-ब-दिन जारी थी। आंकड़ों के अनुसार, तेल चोरी की संख्या लगभग 7 लाख रुपये है। असमर्थित स्रोतों के अनुसार, यह संख्या लगभग पचास लाख है। इस घटना में दुर्गापुर नगर निगम ने पहले ही दुर्गापुर नगर निगम के सात वाहन चालकों को अपने जांच दायरे में रखा है। 

दुर्गापुर नगर निगम की प्रशासनिक मंडल की सदस्य राखी तिवारी के नेतृत्व में ऑटो मोबाइल इंजीनियरों (auto mobile engineers) के साथ एक जांच समिति का गठन किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि यह पैसा आरोपी वाहन चालकों के वेतन से काटा जाएगा। ये तेल चोरी कैसे हुआ, यह तेल चोरी उन्नत तकनीक का उपयोग करके एक अनोखे तरीके से की गई। यह तेल चोरी कार के इनबिल्ट डिजिटल मीटर सिस्टम (inbuilt digital meter system) को तोड़कर की गई, जिसमें कार के माइलेज मीटर के किलोमीटर को देखकर तेल का बिल जारी किया जाता था। इसमें धोखाधड़ी करना बहुत आसान था। क्योंकि डिजिटल मीटर प्रणाली में सही माइलेज मिलता था। स्वाभाविक रूप से इस व्यवस्था में धोखाधड़ी करना बहुत कठिन है। कचरा संग्रहण के लिए दुर्गापुर नगर निगम के लगभग 150 वाहनों का उपयोग किया जाता है, जिसमें 100 छोटे वाहन और 50 बड़े वाहन शामिल हैं। तेल चोरी की इस अनोखी घटना से दुर्गापुर शहर में हड़कंप मच गया है। 

दुर्गापुर नगर निगम के तृणमूल टाउन बोर्ड के कार्यालय का कार्यकाल पिछले साल सितंबर में समाप्त हो गया है। यह प्रशासनिक निकाय अब पूर्व मेयर, उप मेयर और तीन पूर्व एमएमआईसी  के साथ नगर निगम के 43 वार्डों की नागरिक सेवाएं प्रदान कर रहा है जो तृणमूल के टिकट पर चुने गए हैं। इस घटना से स्वाभाविक तौर पर तृणमूल खेमे में विडंबना बढ़ गयी है। दुर्गापुर नगर निगम के निदेशक मंडल की सदस्य और तेल चोरी की जांच के लिए बनी कमेटी की प्रमुख राखी तिवारी ने कहा कि इस घटना में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। नगर निगम ने जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की पहचान करने का काम शुरू हो गया है। नगर निगम आरोपी वाहन चालकों के वेतन से हर्जाना वसूलेगा। और यहीं से विपक्ष ने हल्ला बोल दिया। दुर्गापुर पश्चिम के भाजपा विधायक लक्ष्मण चंद्र घोरदुई की शिकायत है कि मासिक वेतन से पैसे क्यों काटे सीधे पुलिस को लिखित शिकायत क्यों नहीं, तो क्या नगर पालिका किसी को छुपाने की कोशिश कर रही है। 

जिला सीपीआइएम नेतृत्व ने सुर बुलंद किया। पार्टी के जिला सचिव पंकज रॉय सरकार की तोप, यह शर्म की तस्वीर है। दुर्गापुर नगर निगम के प्रशासनिक सदस्यों को तुरंत छूट क्यों मिलेगी। जिला सीपीआईएम नेतृत्व ने इस्तीफे की मांग की। दुर्गापुर नगर निगम एक निजी एजेंसी के माध्यम से कचरा इकट्ठा करने वाले वाहनों की नियुक्ति करता है। विपक्ष ने इस नियुक्ति पर भी अक्षमता का आरोप लगाया है। सवाल यहीं से है कि क्या इस अनोखे तेल चोरी में किसी को छुपाने के लिए नगर निगम ने अपनी जांच समिति का गठन किया था। घटना अब तक क्यों नहीं हो पाई पहचान इस बीच केंद्रीय जांच एजेंसी ने पुलिस की नियुक्ति के साथ सारशी अभियान शुरू कर दिया है। क्या नगर निगम इस डर से कि कहीं सांप न निकल जाए, पुलिस प्रशासन से संपर्क किए बिना अपनी जांच कमेटी बनाकर जांच को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है। केंचुए खोदकर लेकिन विपक्ष भी ऐसे आरोप लगा रहा है।