राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़ : निरंतर खबर प्रकाशित होने के बाद थोड़ा सा अल्पविराम और फिर शुरू हो गया है, अवैध लॉटरी का कारोबार। कुल्टी थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में धड़ल्ले से गली, चौक, चौराहा, और मोहल्ले में अवैध लॉटरी की दुकाने एक बार फिर सज चुकी है। पुरे साम्राज्य को स्थापित करने वाला मैथन(मदनपुर) झारखण्ड निवासी मशरुल है, मशरुल इस सरगना सबसे बड़ा माफ़िया है। सूत्रों की माने तो मशरुल निरसा कंचनडीह में अवैध लॉटरी कारखाना का सञ्चालन करता है, जहाँ से लॉटरी छपाई होने के बाद कुल्टी, बराकर एवं नियामतपुर समेत अन्य क्षेत्रों में खपाया जाता है। कुल्टी में मशरुल के नेटवर्क का मुखिया पुतुल, चन्दन और फिरोज है, जो बंगाल क्षेत्र में अपना अधिपत्य स्थापित कर चूका है। पूरा गिरोह क्षेत्र में सक्रियता के साथ सैकड़ो एजेंट को अवैध टिकट उपलब्ध कराता है। सेटिंग और पकड़ ऐसा की की कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। कई बार खबर प्रकाशित होने के बाद गिरोह का कहना है की पुलिस और प्रसाशन सब जेब में हैं, किसी का दम नहीं है जो इस अवैध लॉटरी कारोबार को बंद करा दे।
वही इस कारोबार में कुल्टी का आशीष रजक, दीपक का भी नाम उभर कर सामने आया है। इस गिरोह ने भी अवैध लॉटरी में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है। वही झारखंड के संजय यादव भी अवैध लॉटरी का बड़ा किंग है, संजय भी अवैध लॉटरी छाप कर बंगाल क्षेत्र के बाज़ार, परबलिया, सांकतोड़िया, दिशरगढ़, चिनाकुड़ी ,मिठानी, के अलावा झारखण्ड के कुमारधुबी, चिरकुंडा, समेत अन्य इलाकों में लॉटरी सप्लाई करता है। पूरे प्रकरण में अवैध लॉटरी का कारोबार ने क्षेत्र में मकड़े का जाल बना लिया है, हालांकि चौक चौराहों पाए लॉटरी बेचने वाले एजेंट भी मोटी कमीशन के लालच में इस अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहें हैं, किंतु इस कारोबार से सरकार को राजस्व के चुना के साथ समाज को दीमक की तरह खोकला कर दिया है।