118वीं जयंती के अवसर रघुनाथ मुर्मू को श्रद्धांजलि

इस मौके पर क्लब के सचिव संजय हेंब्रम, दशरथ कोड़ा, प्रदीप बास्की, मंगल हेंब्रम, निर्मल मुर्मू और मरिया गोरेट्टी सहित बड़ी संख्या में इस क्लब के सदस्य गण उपस्थित थे। यहां रघुनाथ मुरमू को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया और उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया। 

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Sneha Singh
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज: संथाली भाषा की लिपि अलचिकि के रचयिता रघुनाथ मुर्मू की 118वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को रानीगंज के बांसड़ा इलाके में सिधु कानू मंच में एसटीडी क्लब द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन कर रघुनाथ मुर्मू को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर क्लब के सचिव संजय हेंब्रम, दशरथ कोड़ा, प्रदीप बास्की, मंगल हेंब्रम, निर्मल मुर्मू और मरिया गोरेट्टी सहित बड़ी संख्या में इस क्लब के सदस्य गण उपस्थित थे। यहां रघुनाथ मुरमू को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया और उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया। 

संथाल समुदाय के लोगों के विकास में रघुनाथ मुरमू के योगदान को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज एक ऐसे महान विभूति का जन्मदिन है जिन्होंने संथाल समुदाय के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने अलचिकि लिपि का आविष्कार किया था जिससे कि आज संथाल समुदाय के लोग अपनी भाषा में अपनी भावनाओं को व्यक्त कर पाते हैं। इसके साथ ही कार्यक्रम में वक्ताओं ने प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक अलचिकि लिपि का प्रयोग करते हुए संथाली भाषा में शिक्षा प्रदान करने की मांग की। इसके साथ ही हर सरकारी दफ्तर में संथाली भाषा में कामकाज करने की मांग उठाई गई। वही एक संस्था के माध्यम से संथाली समुदाय के कुछ युवाओं ने अलचिकि मैं परीक्षा दिया था कार्यक्रम के दौरान उन परीक्षार्थियों को मार्कशीट प्रदान करने की भी मांग की गई।