टोनी आलम, एएनएम न्यूज: ईसीएल (ECL) अधिकारी ग्रामीणों से किए गए वादे को पूरा किए बिना खेल के मैदान पर जबरन कब्जा कर पुनर्वास परियोजना पर काम कर रहे हैं। घटना जामुड़िया (Jamuria) थाना अंतर्गत चिचुरिया पंचायत (Chichuria Panchayat) केंदा फाड़ी (Kenda fadi) के डंगाल मोहल्ले की है। इसके विरोध में ग्रामीणों ने सोनपुर बाजारी एरिया कार्यालय के समक्ष धरना दिया और ईसीएल अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। तब से लगभग डेढ़ माह बीत गये, लेकिन ईसीएल अधिकारियों ने ग्रामीणों से कोई वार्ता नहीं की। ईसीएल अधिकारियों ने ग्रामीणों से बिना कोई चर्चा किये आज फिर से पुनर्वास कार्य शुरू कर दिया। इसलिए ग्रामीणों (Villagers) ने हाथों में काला झंडा लेकर आज फिर विरोध प्रदर्शन (protest) किया। ग्रामीणों ने पुनर्वास एवं खेल मैदान को काले झंडों से ढक लिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चिचुरिया पंचायत के डंगाल पाड़ा से सटे इलाके में ईसीएल ने पुनर्वास परियोजना के लिए इलाके के लोगों से जमीन ली है। उस जमीन के बगल में एक पुराना फुटबॉल मैदान है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ईसीएल उस पर जबरन कब्जा कर रहा है।
ईसीएल ने परियोजना शुरू करने से पहले क्षेत्र के निवासियों को उक्त परियोजना के बदले मुफ्त बिजली आपूर्ति, एक विवाह हॉल, एक सांस्कृतिक मंच और एक खेल का मैदान देने का भी वादा किया था। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि इलाके में लोगों ने पैसे लेकर स्ट्रीट लाइटें जलाने के लिए बिजली के उपकरण खरीदे। गाँव के कुछ घरों में बिजली पहुँच गई, लाइटें जल रही थीं और पंखे चल रहे थे। लेकिन पिछले पंचायत चुनाव से पहले बिजली कनेक्शन अचानक बंद हो गया। जब स्थानीय लोगों ने इस बारे में पूछा तो ईसीएल अधिकारियों ने बताया कि चुनाव के बाद बिजली फिर से मुहैया करा दी जायेगी. लेकिन चुनाव के 1 माह बाद भी ईसीएल का शेष कार्य बिना बिजली कनेक्शन के ही चल रहा है। ग्रामीण ईसीएल के ऐसे व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैैं। इनका सवाल है कि ग्रामीणों से किया गया कोई भी वादा पूरा किए बिना और उनसे कोई चर्चा या बातचीत किए बिना पुनर्वास का काम दोबारा कैसे शुरू हो जाता है। स्थानीय निवासी स्वरूप गोप ने कहा कि जब तक ईसीएल अधिकारी ग्रामीणों की मांगें पूरी नहीं करते, तब तक वे ईसीएल का पुनर्वास कार्य शुरू नहीं होने देंगे। ईसीएल अधिकारियों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।