Salanpur: मातृ दूध दिवस पर कार्यशाला का आयोजन, मां का दूध अमृत समान

जहाँ मुख्य रूप से मौजूद नवजात शिशुओं के माताओं को, माता का दूध (mother's milk) नवजात शिशुओं (newborn babies) को पिलाने के विषय पर जोड़ दिया गया। इसके साथ ही जानकारी दी गई कि बच्चों के लिए माता का दूध कितना महत्वपूर्ण है।

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Sneha Singh
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राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़: आईसीडीइस सालानपुर (Salanpur) मुख्यालय के तत्वाधान में गुरुवार को नंदनिक हॉल (Nandnik Hall) में एक दिवशीय मातृ दूध दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहाँ मुख्य रूप से मौजूद नवजात शिशुओं के माताओं को, माता का दूध (mother's milk) नवजात शिशुओं (newborn babies) को पिलाने के विषय पर जोड़ दिया गया। इसके साथ ही जानकारी दी गई कि बच्चों के लिए माता का दूध कितना महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में प्रखंड के सैकड़ो गर्भवती व प्रसूति महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सालानपुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद अरमान, उपाध्यक्ष भोला सिंह, प्रखंड आईसीडीएस सीडीपीओ मनदीपा माझी, सुपरवाइजर तापती लायक, रुमेली दास, रानू रॉय, सुलेखा दास और सुमिता सान्याल समेत अन्य ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 

मोनोदीपा माजी (Monodeepa Maji) ने प्रसूति व गर्भवती महिलाओं में माँ के दूध के फायदे, पोस्टिक तत्व व विटामिन की विस्तृत जानकारी दी। महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि माँ का दूध बच्चों के लिए अमृत समान है। जिससे बच्चे का सम्पूर्ण मस्तिष्क विकाश साथ ही रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता होती है। माँ के दूध में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए की मात्रा होती है, जन्म से लेकर बच्चे को 6 महीने तक बाहर का कोई भी आहार नहीं देनी चाहिए। उन्होंने नवजात शिशु एंव माँ के लिए कई महत्व पूर्ण जानकारी दी, जिसमे उन्होंने बताया कि जन्म के 1 घंटा के बाद बच्चा सो जाता है। उससे पहले बच्चे को माँ का पहला पिला गाढ़ा दूध पिलाना बहूत जरुरी होता है। इसे एक भाषा में अमृत भी कहा जा सकता है। स्तनपान करने से महिलाओं में ब्रेस्टकैंसर का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि अक्सर महिलाओं में भ्रम होता है कि उनके दूध से बच्चे का पेट नहीं भरता है। किंतु यदि बच्चा पुरे दिन में 4 से 5 बार पिशाब करे तो समझिए बच्चे का पेट ठीक से भर रहा है। एक मात्र माँ के दूध से ही बच्चों को संक्रमित रोग से बचाया जा सकता है।