एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: वर्ष 2024 को भारत की तकनीकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में याद किया जाएगा, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक गेम-चेंजर के रूप में उभर रहा है। स्वास्थ्य सेवा से लेकर शिक्षा, विनिर्माण से लेकर कृषि तक, विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के एकीकरण ने कार्य कुशलता में क्रांति ला दी है और देश को भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने के करीब ला दिया है।
इस वर्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब अनुसंधान प्रयोगशालाओं या चुनिंदा उद्योगों तक ही सीमित नहीं रही। यह एक मुख्यधारा का उपकरण बन गया जिसने व्यवसायों को सशक्त बनाया, शासन में सुधार किया और रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर बनाया। भारतीय स्टार्टअप और तकनीकी दिग्गजों ने समान रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाया और स्थानीय और वैश्विक चुनौतियों को पूरा करने वाले समाधान तैयार किए। इसका प्रभाव गहरा था। किसानों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग सटीक कृषि, फसल की पैदावार में सुधार और बर्बादी को कम करने के लिए किया। स्वास्थ्य सेवा में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता-सक्षम निदान ने तेज़ और अधिक सटीक परिणाम प्रदान किए, जिससे अनगिनत लोगों की जान बच गई। शैक्षणिक संस्थानों ने व्यक्तिगत शिक्षा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित प्लेटफ़ॉर्म को अपनाया, जिससे पहुँच और गुणवत्ता में अंतर कम हुआ।
विश्व स्तर पर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने उद्योगों और अर्थव्यवस्थाओं को फिर से परिभाषित किया है। विकसित देशों ने रोबोटिक्स, स्वायत्त वाहनों और स्मार्ट सिटी पहलों में सफलता देखी, जिससे परस्पर जुड़े और कुशल सिस्टम के एक नए युग की शुरुआत हुई। भारत द्वारा AI को तेजी से अपनाने से न केवल तकनीकी परिदृश्य में इसकी वैश्विक स्थिति मजबूत हुई, बल्कि इसके नागरिकों के दैनिक जीवन में भी बदलाव आया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि AI भारत के भविष्य को आकार देना जारी रखेगा, जिससे 2024 देश के तकनीकी विकास में एक आधारभूत वर्ष बन जाएगा।