एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : वैशाख माह की पूर्णिमा में गौतम बुद्ध(Goutam Buddha) का जन्म नेपाल(Nepal) के लुम्बिनी में ईसा पूर्व 563 को हुआ था। माना जाता है कुशीनगर में इसी दिन उन्होंने 80 वर्ष की उम्र में देह त्याग दी थी। लगभग 2500 वर्ष पहले बुद्ध के देह त्यागने पर उनके शरीर के अवशेष (अस्थियां) आठ भागों में विभाजित हुए। जिन पर आठ स्थानों पर 8 स्तूप बनाए गए। 1 स्तूप उनकी राख और एक स्तूप उस घड़े पर बना था जिसमें अस्थियां रखी थीं। नेपाल में कपिलवस्तु के स्तूप में रखी अस्थियों के बारे में माना जाता है कि वह गौतमबुद्ध की हैं। इसके अलावा उनके जीवन से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण जगहें और हैं। लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ , कुशीनगर , श्रावस्ती।
1. लुम्बिनी
उत्तर प्रदेश के ककराहा गांव से 14 मील और नेपाल-भारत सीमा से कुछ दूर पर बना रुमिनोदेई नामक गांव ही लुम्बिनी है, जो गौतम बुद्ध के जन्म स्थान के रूप में प्रसिद्ध है।
2. बोधगया (Bodhgoya)
यह स्थान बिहार के प्रमुख हिंदू पितृ तीर्थ 'गया' में स्थित है। इसी स्थान पर बुद्ध ने एक वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया।
3. सारनाथ
यह जगह उत्तरप्रदेश के वाराणसी के पास स्थित है, जहां बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद अपना पहला उपदेश दिया था।
4. कुशीनगर
उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले में स्थित इसी जगह पर महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण (मोक्ष) हुआ था। गोरखपुर जिले में कसिया नामक जगह ही प्राचीन कुशीनगर है। यहां पर बुद्ध के आठ स्तूपों में से एक स्तूप बना है, जहां बुद्ध की अस्थियां रखी थीं।
5. श्रावस्ती
बहराइच से 15 किमी दूर सहेठ-महेठ नामक गांव ही प्राचीन श्रावस्ती है। कहा जाता है कि इस स्थान पर 27 सालों तक भगवान बुद्ध रहे थे। यहां भगवान बुद्ध ने नास्तिकों को सही दिशा दिखाने के लिए कई चमत्कार किए। अब यहां बौद्ध धर्मशाला है तथा बौद्ध मठ और भगवान बुद्ध का मंदिर भी है।