स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: दुष्यंत कुमार की लाइनें 'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों...' तो आपने सुनी होंगी। लेकिन मलेशिया की रहने वाली एक युवती ने इसे हकीकत में बदल दिया। दरअसल, मलेशिया की रहने वाली 27 साल की अबे लिम ने फैमिली से अलग रास्ता तय करने का फैसला किया। कम उम्र में ही स्कूल छोड़कर मैकेनिक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। लिम ने पापा की कंपनी छोड़कर अकेले आगे बढ़ने का फैसला किया। और आज उनका कारोबार शुरुआती स्तर पर अच्छा चल रहा है।