स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बस्तर जिले के चांदामेटा गांव को नक्सलियों का अभेद किला कहा जाता था। लेकिन आजादी के बाद पहली बार उस गांव में बने मतदान केंद्र पर वोटिंग हो रही है। ऐसे में मतदाताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। यहां सुरक्षा को लेकर तगड़े इतजाम किए गए हैं, किसी प्रकार की कोई चूक न हो इसलिए बड़ी संख्या में यहां सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। यह बस्तर का बॉर्डर का एरिया है, यहां से ओडिशा के घने जंगल लगते हैं बताया जाता है कि झीरम हमले के बाद बड़ी संख्या में नक्सली इसी इलाके में जमा हुए थे, इसके बाद बड़े लीडर ओडिशा और सकुमा बीजापुर रवाना हुए।