रानीगंज डकैती का अंडाल और रूपनारायणपुर कनेक्शन

फिर उसे 2022 में पिस्तौल, आठ कारतूस और 530 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ पकड़ा गया और जेल में डाल दिया गया। जेल से छूटने के बाद उसने फिर डकैती की साज़िश रची और रानीगंज स्थित सेनको गोल्ड शोरूम में घटना को अंजाम दिया।

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Jagganath Mondal
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टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: रानीगंज डकैती कांड का मास्टरमाइंड सोनू सिंह ने रानीगंज में सोने की दुकान में डकैती करने से पहले मई में 12 दिनों के लिए अंडाल थाना क्षेत्र में एक मकान किराए पर लिया था। उसके साथ दो अन्य साथी भी थे, लेकिन वे स्थानीय नहीं थे। 12 दिनों में सोनू ने रानीगंज के अलावा दुर्गापुर बराकर आसनसोल इलाके के एक बड़े शोरूम की रेकी की थी। इसी सूत्र से 28 मई को अचानक रूपनारायणपुर में दो युवकों के आने और किराये पर फ्लैट तलाशने की बात सामने आ रही है। उनकी बातचीत में कई तरह की विसंगतियां पाई गईं और बिगड़ता देख वे रात में ही वहां से चले गए। सूत्रों की माने तो दोनों युवक कुख्यात डकैत सोनू सिंह के साथी हो सकते हैं । सोनू की गिरफ्तारी के बाद पुलिस से शुरुआती बातचीत में उसने बताया कि वैसे तो उसने कई जगहों पर रेकी की थी लेकिन उसने रानीगंज को इसलिए चुना क्योंकि गर्मी में बारह बजे के बाद यहां बाजार की सड़कें सुनसान हो जाती हैं। सोनू अपने साथियो के साथ शोरूम पर नजर रख रहा था। 

अपने साथियो के साथ योजना के मुताबिक रविवार, 9 जून की दोपहर 12:30 बजे डकैती करने पहुंचे लेकिन उन्होंने यह नहीं सोचा था कि डकैती के दो मिनट के भीतर ही एक जाबाज़ पुलिस अधिकारी उनपर फायरिंग कर देंगे। इस बीच, श्रीपुर फाड़ी प्रभारी मेघनाद मंडल के गोली के शिकार होने पर सोनू अपने साथियों से साथ भाग निकला और दो साथियों के साथ झारखंड के गिरिडीह के जंगल में छिप गए। पकड़े जाने के डर से उसके दोनों साथी घायल सोनू को जंगल में छोड़कर भाग गये। वे जंगल से बाहर आए और ग्रामीणों से निकटतम रेलवे स्टेशन के स्थान के बारे में पूछा। इसी बीच सुबह स्थानीय लकड़हारे जंगल की ओर गये तो खून से लथपथ सोनू को वहां पड़ा देखा और इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। उन्होंने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने जंगल में घुसकर सोनू को बचाया और अस्पताल ले गई। सोनू की जान तो बच गई लेकिन वह पकड़ा गया। सोनू ने पुलिस को बताया कि उसके पास एक मोबाइल फोन था, जिससे उसने किसी से संपर्क किया और स्कूटी लेकर जंगल में आने को कहा। वह शख्स स्कूटी से जंगल में घुसा था, लेकिन पुलिस को देखकर भाग गया। 

इस बीच आसनसोल दुर्गापुर कमिश्नरेट की पुलिस सोनू को धनबाद अस्पताल से बर्दवान मेडिकल कॉलेज ले आई और उसकी शरीर से गोली निकली गयी। फिलहाल सोनू की हालत स्थिर है। इस बीच, पुलिस को पता चला कि कंप्यूटर इंजीनियर सोनू छपरा काशी बाजार के एक लॉज में पढ़ाई के दौरान साइबर अपराध में शामिल हो गया और वहीं से आपराध की दुनिया में प्रवेश कर गया। उसका नाम पहले से ही कम से कम 6 डकैती मामलों में शामिल है। 11 अक्टूबर 2019 को उसने बंधन बैंक के कर्मचारी से 68 हजार 955 रुपए लुटे थे। फिर 2022 में बंधन बैंक डकैती में भी सोनू शामिल था। वह मोटरसाइकिल चोरी सहित कई मामलों में भी आरोपी है। 29 मई 2022 को गोपालगंज में लूट की घटना में भी सोनू शामिल था। फिर उसे 2022 में पिस्तौल, आठ कारतूस और 530 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ पकड़ा गया और जेल में डाल दिया गया। जेल से छूटने के बाद उसने फिर डकैती की साज़िश रची और रानीगंज स्थित सेनको गोल्ड शोरूम में घटना को अंजाम दिया।