Fake job in ECL : जिंदा हूँ मैं, अपने आप को ज़िंदा साबित करने की लड़ाई लड़ रहा है अनवर

आप सोच रहे होंगे कि अगर अनवर जिंदा है तो आखिर कौन है जो अनवर को सरकारी आंकड़ों में मौत की नींद सुलाने की कोशिश में जुटा है। तो आइये हम इस रहस्य से पर्दा उठाने का प्रयास करते हैं।

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Jagganath Mondal
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Zinda

fighting to prove himself alive

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: झारखंड (Jharkhand) धनबाद (Dhanbad) के निरसा (Nirsa) थाना इलाके से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ शेख अनवर को अपने आप को ज़िंदा साबित करने की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। वही उसे सरकारी आंकड़ों में मार कर कोल् इंडिया से उसकी नौकरी हथियाने की कोशिश  में लगे है शेख अनवर के भतीजे। आप सोच रहे होंगे कि अगर अनवर जिंदा है तो आखिर कौन है जो अनवर को सरकारी आंकड़ों में मौत की नींद सुलाने की कोशिश में जुटा है। तो आइये हम इस रहस्य से पर्दा उठाने का प्रयास करते हैं। 

झारखंड धनबाद जिले के निरसा थाना अंतर्गत शिव डंगाल इलाके के रहने वाले शेख अनवर 6 भाई और दो बहन है, चौथे नंबर के भाई का नाम शेख मुनिक है। परिवार बड़ा होने के कारण घर चलाने के लिये खर्चा भी थोड़ा ज्यादा था शायद इसी कारण शेख अनवर परिवार की जिम्मेदारियों को देखते हुए 1998 में रोजगार की तलाश में गुजरात चले गए। गुजरात में वह ठेका मजदूरी का काम कर अपने पिता शेख जलील को पैसे भेजते थे और इस पैसो से घर का खर्च चलाने में थोड़ी मदद होती थी। वहीं 2006 में शेख अनवर के पिता शेख जलील की किसी कारण मौत हो गई, शेख जलील ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में नौकरी करते थे। शेख अनवर की माने तो उनकी मौत के बाद शेख जलील की नौकरी नियम के अनुसार उनके बड़े बेटे शेख गनी को मिलनी थी पर शेख गनी की पहले ही हुई मौत के कारण उनकी नौकरी शेख अनवर को देने की बात बनी। जिस बात पर ईसीएल मैनेजमेंट सहित शेख अनवर का पूरा परिवार ने अपनी रजामंदी दे दी नौकरी के लिये अभी जरुरी दस्तावेज तैयार ही हो रहे थे। तभी अनवर का छोटा भाई शेख मुनिक ने शेख अनवर के नाम से फर्जी तरीके से फर्जी कागजात तैयार कर ईसीएल मैंनेजमेंट की आँखों में धूल झोंककर पैसे खर्च कर कुछ भ्रष्ट अधिकारियो और दलालो की मदद से नौकरी जॉइन कर लिया और इसकी भनक शेख अनवर को नहीं लगने दी। पता चलने पर अनवर ने अपने भाई के द्वारा की गई जालसाजी की लिखित शिकायत ईसीएल मैंनेजमेंट के आलावा निरसा थाने को भी दी पर कार्रवाई के नाम पर पुलिस (Police) से लेकर ईसीएल की मैंनेजमेंट सिर्फ लकीरें पीटती रही, शेख अनवर ने इसकी शिकायत महामहिम राष्ट्रपति, कोयला मंत्री सहित ईसीएल के सतर्कता विभाग के अधिकारियो से भी की पर हर जगह से उन्हें निराशा हाँथ लगी। 

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अब कुछ दिनों पहले शेख मुनिक की मौत हो गई, वह मुनिक जो अपने बड़े भाई शेख अनवर के नाम से फर्जी दस्तावेज (Crime) बनाकर ईसीएल (ECL) मे नौकरी कर रहा था (Fake job), अब शेख मुनिक के मरने के बाद उसके बेटे शेख अनवर की मौत का दस्तावेज बनवा रहे हैं वह इस लिये की शेख अनवर के जगह उनको नौकरी मिल जाए। ऐसे में जो भी जरुरी दस्तावेजों की जाँच हो रही है जाँच कर्ता असली शेख अनवर के पास पहुँच रहे हैं और उनको जिंदा देखकर कुछ इस कदर हैरान हो रहे हैं मानो उन्होंने अपनी आँखों से कोई अजूबा देख लिया हो। एक तरफ जहाँ शेख अनवर खुद को जिंदा साबित करने में लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके छोटे भाई शेख मुनिक के बेटे अपने पिता के बड़े भाई को जीते जी मारने पर तुले हुए हैं। वह इस लिये की उनकी मौत का दस्तावेज तैयार होने के बाद वह उनके जगह पर नौकरी ले सकें। अब देखना दिलचस्प होगा की शेख अनवर अपने आप को ज़िंदा साबित करने में कामयाब होते है या फिर उसके भतीजे पैसो के बल पर और ईसीएल के कुछ भ्रष्ट अधिकारियो और दलालो की मदद से कोल् इंडिया को एक बार फिर चुना लगाने में सफल होते है या नहीं ??