स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: केले के छिलकों की मदद से पैकेजिंग में उपयोग होने वाली बायोडिग्रेडेबल फिल्में बनाई जा सकती हैं। यह जीवाश्म ईंधन से बने प्लास्टिक के पैकजिंग सामग्री की जगह ले सकती हैं। साउथ डकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसे बनाने में सफलता हासिल की है। शोधकर्ता श्रीनिवास जनास्वामी और उनकी टीम का कहना है कि दुनिया भर में केले के प्रति 2.5 एकड़ बागान में करीब 220 टन अवशेष पैदा होता है। केले के इस अवशेष में मुख्य रूप से लिग्नोसेल्युलोसिक पाया जाता है और यह बायोडिग्रेडेबल फिल्म बनाने का प्रमुख घटक है।