7 नहीं 4 फेरे में विवाह सम्पन्न!

लड़की को 5 से 10 श्लोक याद होने चाहिए। इसके साथ ही उनके यहां कई ऐसे रिवाज हैं जो आम लोगों की शदियों से अलग है। उनके यहां 7 की जगह केवल 4 फेरे होते हैं। 

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Sneha Singh
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: गुजरात व मध्यप्रदेश के इलाकों में रहने वाले घुमंतू जाति बागरी समाज के लोगों में एक अनोखा शादी का रिवाज़ है। यहां शादी से पहले दुल्हन को रामायण और सुंदरकांड की चौपाइयां याद करके सुनानी होती है। ये अनोखा रिवाज़ सालों से इस समाज के लोगों में चला आ रहा है। लड़की को 5 से 10 श्लोक याद होने चाहिए। इसके साथ ही उनके यहां कई ऐसे रिवाज हैं जो आम लोगों की शदियों से अलग है। उनके यहां 7 की जगह केवल 4 फेरे होते हैं।