स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: माइक्रोब्लेडिंग करवाने के बाद दो महिलाओं को जानलेवा फेफड़ों की बीमारी से जूझना पड़ा। यह बीमारी सिस्टमिक सारकॉइडोसिस है, जो एक ऑटोइम्यून बीमारी है और इससे फेफड़ों में गांठ बन सकती हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। माइक्रोब्लेडिंग एक टैटू तकनीक है जिससे आइब्रो घनी दिखाई देती हैं। यह एक सेमी-परमानेंट प्रक्रिया है।