होलिका दहन के समय इन दो मंत्रों का जाप करने से आएगी शांति और समृद्धि (Video)
दोल यात्रा की शुरुआत होलिका दहन के साथ होती है। होलिका दहन के दौरान 'ॐ होलिकाये नमः' इस मंत्र का उच्चारण अवश्य करें। इस मंत्र का कम से कम 3 बार जाप करें।
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : दोल यात्रा नजदीक आ रही है और भारत और पूरी दुनिया में सनातन धर्म के लोग दोल यात्रा को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। दोल यात्रा सनातन धर्म का बहुत ही पवित्र त्योहार है। यह त्योहार रंगों के माध्यम से दुर्भाग्य के अंत और सौभाग्य की शुरुआत का प्रतीक है।
दोल यात्रा वसंत पंचमी के दिन मनाई जाती है। इस त्योहार में न केवल सनातन धर्म के लोग, बल्कि विभिन्न धर्मों के लोग भाग लेते हैं। इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 'होलिका दहन' है। दोल यात्रा की शुरुआत होलिका दहन के साथ होती है। होलिका दहन के दौरान 'ॐ होलिकाये नमः' इस मंत्र का उच्चारण अवश्य करें। इस मंत्र का कम से कम 3 बार जाप करें।
होलिका दहन संपन्न होने के बाद इस मंत्र का जाप करें : 'अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।' (इस मंत्र का अर्थ है - होलिका की अग्नि में ईर्ष्या, द्वेश, कष्ट भस्म हों। असत्य पर सत्य का प्रहार और विनाशकारी शक्तियों का नाश हो । निंद्य न बचे। घर-घर में सुख, समृद्धि, आनंद के नव पुष्प पल्लवित हों।)