स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: काफी संघर्षों के बाद आखिरकार 15 अगस्त(15 August) 1947 को हमारा देश आजाद हो गया। भारत (India) की आजादी के इस जश्न को हर साल देशवासी उत्साह आनंद के साथ मनाते हैं। इस मौके पर भारत की आजादी के लिए जान न्योछावर करने वाले वीर सपूतों, क्रांतिकारियों को याद किया जाता है। ये सब में एक भारतीय महिला क्रांतिकारी ऐसी भी थीं, जिन्होंने आजादी से पहले विदेश में भारत का झंडा फहराया था।
आइये जानते है , विदेश में भारतीय ध्वज फहराने वाली इस भारतीय महिला क्रांतिकारी के बारे में। भीकाजी कामा का जन्म 24 सितम्बर 1861 को बम्बई में एक पारसी परिवार में हुआ था। उनमें लोगों की मदद और देश के लिए कुछ करने की भावना कूट−कूट भरी थी। वर्ष 1896 में मुम्बई में प्लेग फैलने के बाद भीकाजी ने इसके मरीजों की सेवा की थी। बाद में वह खुद भी इस बीमारी की चपेट में आ गई थीं। हर भारतीय की तरह भीकाजी कामा (Bhikaji Cama) ने भी देश को स्वतंत्र कराने का सपना देखि थी। जहां देश भर में लोग आक्रोशित थे और जगह-जगह आंदोलन व सत्याग्रह कर रहे थे, वहीं भीकाजी कामा ने विदेश तक भारत की आजादी की मांग को उठाया। भीकाजी द्वारा लहराए गए झंडे में देश के विभिन्न धर्मों की भावनाओं और संस्कृति को समेटने की कोशिश की गई थी। उसमें इस्लाम, हिंदुत्व और बौद्ध मत को प्रदर्शित करने के लिए हरा, पीला और लाल रंग इस्तेमाल किया गया था। साथ ही उसमें बीच में देवनागरी लिपि में वंदे मातरम लिखा हुआ था।